पौध संरक्षण की अधूरी कवायद
Share पौध संरक्षण को लेकर देश में की जा रही कवायद अभी अधूरी है। इसके लिये सरकारी प्रयासों के साथ जागरूकता की जरूरत है। माना जाता है कि भारत में…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare पौध संरक्षण को लेकर देश में की जा रही कवायद अभी अधूरी है। इसके लिये सरकारी प्रयासों के साथ जागरूकता की जरूरत है। माना जाता है कि भारत में…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare 17 जनवरी 2024, रायपुर: छत्तीसगढ़ में मत्स्यपालकों के लिए किया जा रहा विभिन्न योजनाओं का संचालन – छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मछली पालन करने वाले लोगों के लिए विभिन्न योजनाओं…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare इंदौर। देश की अग्रणी कीटनाशक निर्माता कंपनी भारत इंसेक्टिसाईड्स लिमिटेड ने गत दिनों सेफ यूज ऑफ पेस्टीसाईड डे मनाया। जिसमें पेस्टिसाइड (कृषि दवाईयों) के समुचित उपयोग एवं सुरक्षात्मक तरीकों…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare 07 जुलाई 2023, नई दिल्ली: केन्या में भारत-अफ्रीका अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज सम्मेलन होगा आयोजित – अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज (श्रीअन्न) वर्ष मनाने दो दिवसीय ‘भारत-अफ्रीका अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज सम्मेलन’ 30…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare नारियल एवं इसका पानी दोनों ही काफी गुणकारी हैं तथा औषधि के रूप में घरेलू उपयोग में लाए जाते हैं। नारियल का पानी दूध की तरह ही एक पूर्ण…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare भोपाल। देश की अग्रणी ट्रैक्टर निर्माता कम्पनी एस्कॉर्ट्स लि. ने अंतर्राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी आईमा में नये मॉडल एफ टी 6080 प्रो तथा एफ टी 6090 प्रो लांच किये हैं।…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare (विशेष प्रतिनिधि) भोपाल। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को शेष 31 जिले में लागू करने की घोषणा के बाद गत दिनों इन जिलों के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिये…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare भोपाल। जनसंपर्क, जल संसाधन तथा संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पशुपालन, मछुआ कल्याण मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य और नर्मदा घाटी विकास एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंShare कृषि महाविद्यालय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के पालन में मंत्रि-परिषद् ने होशंगाबाद जिले के पवारखेड़ा में स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के आंचलिक अनुसंधान केन्द्र…
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें…की ओर से सब्सिडी के रूप में दी जाती है। मौजूदा समय में देश यूरिया की तीन करोड़ टन की वार्षिक घरेलू मांग को पूरा करने के लिये करीब 80…
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