मध्यप्रदेश में जल क्रांति: खेत तालाब, अमृत सरोवर से 1.67 लाख हेक्टेयर से अधिक में होगी सिंचाई, खिलेंगे किसानों के चेहरे
30 जून 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश में जल क्रांति: खेत तालाब, अमृत सरोवर से 1.67 लाख हेक्टेयर से अधिक में होगी सिंचाई, खिलेंगे किसानों के चेहरे – मध्यप्रदेश में किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने और खेती के रकबे को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में जल गंगा संवर्धन अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस अभियान के तहत प्रदेश में 84,930 खेत तालाब और 1,283 अमृत सरोवर मनरेगा योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे हैं, जिससे 1.67 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई संभव हो सकेगी।
जल संरक्षण के लिए तकनीक का उपयोग
इस अभियान की खास बात यह है कि पहली बार खेत तालाब, अमृत सरोवर और कूप रिचार्ज पिट का निर्माण वैज्ञानिक और तकनीकी पद्धति से किया जा रहा है। इसके लिए “सिपरी” और “प्लानर” सॉफ्टवेयर की मदद से उन स्थानों का चयन किया गया जहां जल का बहाव अधिक है और पानी को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।
मानसून की पहली ही बारिश में इन तालाबों और सरोवरों में पानी भर गया है, जिससे न केवल कुएं रिचार्ज हो रहे हैं, बल्कि आसपास की फसलों को भी लाभ मिलने लगा है। इससे किसानों में खुशी की लहर है।
रिचार्ज पिट से लौट रही कुओं में जान
प्रदेश के सूखते कुओं में फिर से पानी लौट सके, इसके लिए 1,03,000 से अधिक रिचार्ज पिट बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में लक्ष्य से भी अधिक यानी 1,04,294 कुओं में रिचार्ज पिट का निर्माण कार्य जारी है।
टॉप 10 जिले जो बना रहे मिसाल
इस अभियान में खंडवा, बालाघाट, रायसेन, उज्जैन, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, राजगढ़, अशोकनगर, बैतूल और मंडला जिले सबसे आगे हैं। यहां पर मनरेगा योजना के तहत तेजी से कार्य किया जा रहा है।
65 लाख हेक्टेयर सिंचाई लक्ष्य की ओर बढ़ते कदम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का लक्ष्य है कि प्रदेश में 65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। जल गंगा संवर्धन अभियान इसी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा और कारगर कदम साबित हो रहा है।
यह अभियान न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा, बल्कि जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक प्रेरणादायक मॉडल के रूप में उभर रहा है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: