मप्र में जल गंगा अभियान से बढ़ेगा भू-जल स्तर, खेत-तालाबों से किसान कर सकेंगे सिंचाई
30 जून 2025, भोपाल: मप्र में जल गंगा अभियान से बढ़ेगा भू-जल स्तर, खेत-तालाबों से किसान कर सकेंगे सिंचाई – मध्यप्रदेश में जल संरक्षण को लेकर चल रहे जल गंगा संवर्धन अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्तर बढ़ाने और सिंचाई सुविधा सुधारने की दिशा में अहम प्रगति हो रही है। 30 मार्च से शुरू हुए इस अभियान के तहत जिलेवार जल संरचनाओं- जैसे खेत-तालाब, अमृत सरोवर और कूप रिचार्ज सिस्टम के निर्माण कार्य अब लगभग पूरा हो चुका है। इससे न केवल पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि किसानों को सिंचाई में मदद मिलेगी।
जलदूतों को दिया गया प्रशिक्षण
सीहोर जिले के आष्टा जनपद पंचायत में माय भारत पोर्टल पर पंजीकृत जलदूतों को प्रशिक्षण दिया गया। इसमें उन्हें जल बजट, वाटरशेड आजीविका मॉडल, पंचायतों की भूमिका और जल संरक्षण गतिविधियों को ट्रैक करने के तरीके समझाए गए। प्रशिक्षण का उद्देश्य युवाओं को जल संरक्षण का वाहक बनाना है। प्रशिक्षण के अंत में जलदूतों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।
खेत-तालाबों से मिलेगा सिंचाई को फायदा
रायसेन जिले के गैरतगंज जनपद में 400 खेत-तालाबों में से 90% का निर्माण पूरा कर लिया गया है। ग्राम रजपुरा में 18 खेत-तालाब बने हैं, जिनसे भू-जल स्तर बढ़ेगा और किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। इसके अलावा जल संरचनाओं के निर्माण से करीब 1.4 लाख मानव दिवस का रोजगार भी सृजित हुआ है।
तालाबों के बंड पर घास और पौधे लगाए
ग्वालियर जिले में बनाए गए तालाबों की पार-बंड पर मिट्टी डालकर घास लगाई जा रही है, जिससे मिट्टी कटाव रोका जा सके। जिले में अमृत सरोवर, खेत-तालाब और निस्तारी तालाबों का निरीक्षण किया गया। साथ ही हरियाली अमावस्या पर आनंद पर्वत पर वृहद पौधरोपण किया गया, जिसे हरा-भरा बनाने की दिशा में प्रयास जारी हैं।
पार्क और जल संरचनाओं का निरीक्षण
अशोकनगर जिले में तुलसी सरोवर पार्क का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर श्री आदित्य सिंह ने जल संरचनाओं के समुचित निर्माण और बगीचों के बेहतर रखरखाव के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जल संरचनाओं से स्थानीय जलस्तर में वृद्धि होगी और नागरिकों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
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