सोयाबीन की पैदावार और दाम बढ़ाने पर सरकार का फोकस, नीति बदलेगी
30 जून 2025, इंदौर: सोयाबीन की पैदावार और दाम बढ़ाने पर सरकार का फोकस, नीति बदलेगी – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को इंदौर स्थित भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिकों, किसानों, और कृषि विशेषज्ञों के साथ मिलकर सोयाबीन की बेहतर खेती के लिए मंथन किया। बैठक में उन्होंने साफ किया कि अब कृषि अनुसंधान दिल्ली से नहीं, बल्कि किसानों की ज़मीनी समस्याओं को देखकर तय किया जाएगा।
बैठक में कृषि वैज्ञानिक, राज्य सरकारों के अधिकारी, इंडस्ट्री प्रतिनिधि और ICAR के वैज्ञानिक शामिल हुए। मंत्री चौहान ने कहा कि “ये कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि किसानों के कल्याण की ईमानदार कोशिश है।”
अब खेत से तय होंगे अनुसंधान के एजेंडे
मंत्री ने कहा कि देश में 16 हजार वैज्ञानिक हैं लेकिन अब तक उनका काम ज़्यादातर लैब तक सीमित रहा। “अब समय आ गया है कि रिसर्च लैब से निकलकर खेतों तक पहुंचे। इसके लिए हमने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की शुरुआत की थी, जिसके तहत 2170 टीमें गांवों में जाकर किसानों से संवाद कर चुकी हैं।”
उन्होंने कहा कि कई इनोवेशन खुद किसानों ने किए, जैसे लीची की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए उस पर ग्लूकोज़ घोल लगाना, जिससे वैज्ञानिकों को भी सीखने का मौका मिला।
बीज की गुणवत्ता, पेस्टीसाइड और नई वैरायटी पर चिंता
बैठक में अमानक बीज और पेस्टीसाइड की समस्या पर भी चर्चा हुई। शिवराज सिंह ने कहा कि “ऐसे उत्पाद बनाने वालों पर कार्रवाई होगी। साथ ही बीज की पहचान के लिए किसानों को उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।”
उन्होंने सूखे और अधिक वर्षा दोनों परिस्थितियों में टिकने वाली बीज वैरायटी, और येलो मोज़ेक जैसी बीमारियों से निपटने के लिए जीनोम एडिटिंग जैसे आधुनिक तरीकों के इस्तेमाल की बात कही।
सोयाबीन का वैल्यू एडिशन और तेल आयात में कटौती की योजना
मंत्री ने बताया कि सोयाबीन में प्रोटीन की मात्रा ज़्यादा है, लेकिन तेल की मात्रा सिर्फ 18% होने के कारण इसका पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता। “हम अब सोयाबीन के वैल्यू एडिशन पर काम करेंगे ताकि इससे बने उत्पादों की कीमत बढ़ सके और किसान को बेहतर दाम मिल सके।”
भारत हर साल लगभग 1.33 लाख करोड़ रुपये का खाद्य तेल आयात करता है। केंद्र सरकार इस बोझ को कम करने के लिए सोयाबीन उत्पादन और खरीदी नीति में बदलाव लाने पर विचार कर रही है।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बीज उपचार के लिए विकसित नई मशीन का निरीक्षण किया और ट्रैक्टर से सोयाबीन की बुवाई भी की। साथ ही संस्थान के नवाचारों की जानकारी ली और प्रक्षेत्र संसाधन परिसर का शिलान्यास भी किया।
रोडमैप जल्द, कपास और गन्ने पर अगला फोकस
शिवराज सिंह ने कहा कि जल्द ही एक राष्ट्रीय रोडमैप पेश किया जाएगा ताकि कृषि क्षेत्र में सुधार हो और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने जानकारी दी कि अगला फोकस कपास, गन्ना और दलहन पर रहेगा।
अंत में उन्होंने कहा, “अब केवीके के वैज्ञानिक हफ्ते में तीन दिन किसानों के साथ खेतों में होंगे, और मैं खुद हफ्ते में दो दिन किसानों के बीच रहूंगा। सिर्फ दफ्तरों में बैठने से खेती की समस्या नहीं सुलझेगी।”
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