चुनौतियों से जूझ रहा सब्जी उत्पादन
लेखक: डॉ. संदीप शर्मा, मो.: 9303133157, sharma.sandeep1410@gmail.com
21 मार्च 2025, भोपाल: चुनौतियों से जूझ रहा सब्जी उत्पादन – विश्व पटल पर भारतवर्ष का परिचय देते समय किसी अज्ञात विद्वान ने टिप्पणी की थी – ‘यदि आप भारतीय संस्कृति को जानना चाहते हैं तो भारतीय कृषि को देखें, और यदि आप भारतीय रंगों से परिचित होना चाहते हैं तो भारतीय बागवानी फसलों को देखेंÓ। उक्त टिप्पणी मध्य प्रदेश राज्य के लिये भी सटीक बैठती है। बागवानी फसलें जहाँ एक ओर पौष्टिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहायक हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य के ग्रामीण रोजगार में एक सशक्त विकल्प प्रदान करने के साथ-साथ किसानों के खेतों की गतिविधियों में विविधता लाने में और अंतत: आय वृद्धि में भी सार्थक योगदान देती हैं।
विभिन्न बागवानी फसलों में सब्जी फसलें प्रमुखता से लगाई जाती है। इनकी उत्पादकता अधिक होती है और अधिक लाभ के साथ अधिक रोजगार भी देती हैं। सब्जी फसलें फसल सघनता वृद्धि में सहायक होने के साथ ही फसलोत्पादन कार्यक्रम को एक लचीलापन भी देती हैं।
सब्जियों की उत्पादकता
मध्य प्रदेश में कुल सब्जियों की उत्पादकता वर्ष 2023-24 में 19.54 टन/हेक्टर रही जोकि इसी अवधि की औसत राष्ट्रीय उत्पादकता (18.45टन/हेक्टर) से लगभग 6 प्रतिशत अधिक रही। राष्ट्रीय स्तर पर सब्जी उत्पादकता में आंध्र प्रदेश (34 टन/हेक्टर), केरल (28 टन/हे.), तमिलनाडू (25 टन/हे.) तथा उत्तर प्रदेश (24 टन/हे.) अग्रणी राज्य रहे, जबकि मध्य प्रदेश ग्यारहवें स्थान पर रहा। मध्य प्रदेश में कुल सब्जियों की उत्पादकता प्राप्त करने वाले अग्रणी जिले झाबुआ (37.92 टन/हे.), खरगोन (28.04 टन/हे.) तथा इन्दौर (25.04 टन/हे.) रहे।
सब्जियों के गुण और आपकी सेहत
एक सामान्य मानव के संतुलित दैनिक आहार में प्रतिदिन 285 ग्राम सब्जी स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक मानी जाती है। मानव पोषण में विटामिन्स तथा खनिजों की पूर्ति के लिए विविध रंगों के खाद्य पदार्थों का सेवन लाभकारी पाया गया है। सब्जियों में विद्यमान पोषक तत्वों, जिन्हें फायटो न्यूट्रिएंटस् और एंटी ऑक्सीडेन्टस् कहा जाता है, के कारण सब्जियाँ बहुरंगी होती हैं। लाल रंग की सब्जियाँ जैसे टमाटर, लाल शिमला मिर्च, लाल गोभी, चुकंदर आदि में लायकोपिन और एंथोसायनिन तत्वों के कारण इन सब्जियों का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को कम करता है। पीले/ नारंगी रंग की सब्जियों जैसे कद्दू, पीले टमाटर, पीली शिमला मिर्च में कैरोटिनॉयड की प्रचुरता होती है जो रक्त में शर्करा के स्तर को संतुलित रखने तथा अल्सर के जोखिम को कम करने में सहायक होती हैं। सफेद/भूरे रंग की सब्जियाँ बीटाग्लूकेन्स, लिग्निन और फ्लेवोनेस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। फूलगोभी, लहसुन, अदरक, सफेद प्याज, मशरूम आदि का सेवन हृदय रोगों, अल्जाइमर, डिमेंशिया आदि रोगों से बचाव में लाभकारी होता है। नीले और बैंगनी रंग की सब्जियों में एंथोसायनिन की मात्रा अधिक होती है जो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार तथा सूजन को कम करने में सहायता करती हैं। नीले/बैंगनी रंग की सब्जियों में बैंगन, बैंगनी गोभी, बैंगनी गाजर आदि प्रमुख हैं। इन सब्जियों में खाद्य रेशों और पोटेशियम तत्व की उपलब्धता मधुमेह से बचाव और हृदय के स्वास्थ्य में गुणकारी होती हैं। इसी प्रकार हरी सब्जियाँ जैसे पालक, सेम, मटर, ब्रोकोली, हरी शिमला मिर्च, खीरा आदि विटामिन सी, विटामिन बी समूह, फोलेट और खाद्य रेशों की प्रमुख स्त्रोत हैं। हरी सब्जियाँ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, यकृत और हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में लाभकारी होती हैं। अतएव बहुरंगी सब्जियों को सही अनुपात में सेवन करना स्वास्थवद्र्धक है।
चुनौतियाँ
- सब्जी फसलों के उत्पादन और विपणन में कुछ चुनौतियाँ हैं जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य पद्धति का प्रावधान, एक अलग मंत्रालय की आवश्यकता, विपणन एवं निर्यात को प्रोत्साहन की जरूरत है, कोल्डचेन एवं कोल्डस्टोर की बेहतर व्यवस्था, छोटीजोत के किसानों के लिये कृषि यंत्रों और मशीनरी की उपलब्धता, उन्नत किस्मों के बीजों और पौध की उपलब्धता चाहिए।
- कटाई उपरांत नुकसान को कम करने के लिए प्रसंस्करण केन्द्रों की सुविधाजनक उपलब्धता, फसल सघनता में वृद्धि के लिए माईक्रो सिंचाई सुविधाओं और फर्टीगेशन का विस्तार करना होगा।
- सुरक्षित परिवहन सेवा, प्रभावी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का नियमित आयोजन, कौशल विकास, प्रसंस्करण सुविधा तथा विस्तार कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन भी देना होगा।
- साथ ही सब्जी फसलों का अद्यतन और सरल डेटाबेस तैयार करना आदि पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
मध्य प्रदेश में शीर्ष सब्जी उत्पादक जिले (2023-24) | ||
क्र. | फसल | शीर्ष उत्पादक जिले (राज्य के कुल सब्जी उत्पादन में प्रतिशत योगदान) |
1 | प्याज | 9.67%, इन्दौर 9.22%, रीवा 7.63%, |
2 | आलू | इन्दौर 28.0%, सागर 7.21%, उज्जैन 6.99%, |
3 | टमाटर | शिवपुरी 11.75%, छिंदवाड़ा 9.68%, सागर 9.52%, |
4 | बैंगन | सागर 11.10%, छिंदवाड़ा 7.70%, रीवा 5.53%, |
5 | फूलगोभी | छिंदवाड़ा 16.55%, इन्दौर 9.97%, रीवा 8.25%, |
6 | हरी मटर | जबलपुर 17.27%, उज्जैन 12.37%, छिंदवाड़ा 9.68%, |
7 | पत्तागोभी | छिंदवाड़ा 14.06%, इन्दौर 9.14%, अनूपपुर 7.24%, |
8 | हरी मिर्च | छिंदवाड़ा 14.05%, झाबुआ 11.33%, खण्डवा 8.78%, |
9 | भिण्डी | रीवा 11.91%, बड़वानी 7.17%, छिंदवाड़ा 6.44%, |
10 | कद्दू | कद्दू शिवपुरी 16.87%, छिंदवाड़ा 13.87%, रीवा 10.43%, |
11 | कुल सब्जियाँ | इन्दौर 8.59%, छिंदवाड़ा 6.60%, सागर 5.94%, |
मध्य प्रदेश में सब्जियों की वर्तमान स्थिति
वैश्विक सब्जी उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है। विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा अनुमानित आँकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में सब्जियों के कुल वैश्विक रकबे (591.38 मिलियन हेक्टर) तथा उत्पादन (1186.68 मिलियन टन) में भारत की हिस्सेदारी क्रमश: 16 तथा 12 प्रतिशत है। चीन और भारत में सब्जियों के कुल वैश्विक उत्पादन का लगभग 65 प्रतिशत उत्पादित किया जाता है।
कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार वर्ष 2023-24 में देश में 112.32 लाख हेक्टर रकबे से 2072.08 लाख टन सब्जियाँ ली गई। भारत में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात प्रमुख सब्जी उत्पादक राज्य हैं। सब्जियों के राष्ट्रीय उत्पादन में इन राज्यों का क्रमश: 16.61, 14.09, 11.75, 8.27 तथा 7.36 प्रतिशत योगदान था।
देश में सब्जी फसलों के अंतर्गत रकबे एवं उत्पादन में मध्य प्रदेश का तीसरा स्थान है। रकबे की दृष्टि से पश्चिम बंगाल (14.09 प्रतिशत) तथा उत्तर प्रदेश (12.71 प्रतिशत) और उत्पादन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश (16.61 प्रतिशत) तथा पश्चिम बंगाल (14.09 प्रतिशत) प्रथम तथा दूसरे स्थान पर हैं। वर्ष 2023-24 के दौरान मध्य प्रदेश में 13.27 लाख हेक्टर क्षेत्र में 259.35 लाख टन सब्जियाँ उत्पादित की गई। राज्य के कुल सब्जी उत्पादन में सर्वाधिक उत्पादन प्याज (20.61 प्रतिशत) का है। इसके बाद आलू (16.32 प्रतिशत), टमाटर (13.95 प्रतिशत), बैंगन (5.92 प्रतिशत), फूलगोभी (5.70 प्रतिशत), हरी मटर (4.93 प्रतिशत), पत्तागोभी (4.15 प्रतिशत), हरीमिर्च (4 प्रतिशत), भिण्डी (3.72 प्रतिशत) तथा कद्दू (2.59 प्रतिशत) प्रमुख हैं। राज्य के कुल सब्जी उत्पादन में प्याज, आलू, टमाटर, बैंगन और फूलगोभी का सम्मिलित योगदान 62.5 प्रतिशत है।
वर्ष 2023-24 कुल सब्जी उत्पादन में इन्दौर, छिन्दवाड़ा तथा सागर शीर्ष जिले रहे। राज्य के कुल सब्जी उत्पादन में शीर्ष जिलों का योगदान लगभग 21 प्रतिशत रहा। राज्य की प्रमुख सब्जियों के प्रमुख तीन शीर्ष उत्पादक जिलों को तालिका में संकलित किया गया है।
मध्य प्रदेश में प्रमुख सब्जियों की उत्पादकता (2023-24) | |||
क्र. | फसल | राज्य में औसत उत्पादकता में शीर्ष जिले उत्पादकता (टन/हे.) | उत्पादकता में शीर्ष जिले (उत्पादकता टन/हेक्टर में) |
1 | प्याज | 24.47 | इन्दौर (32), रतलाम (32), देवास (31) |
2 | आलू | 23.05 | सागर (29.12), सिंगरोली (28.5), शिवपुरी (27.0) |
3 | टमाटर | 29.98 | बड़वानी (72), खरगोन (65.91), बुरहानपुर (60) |
4 | बैंगन | 21.24 | शाजापुर (66.92), भोपाल (34.31), सागर (29.56) |
5 | फूलगोभी | 21.84 | सिंगरोली (29), कटनी (28.7), सीहोर (28.7) |
6 | हरी मटर | 10.20 | छतरपुर (21.82), छिन्दवाड़ा (15.90), दतिया (15) |
7 | पत्तागोभी | 23.23 | राजगढ़ (30), सीहोर (30), सीधी (30) |
8 | हरी मिर्च | 15.93 | झाबुआ (60), खरगोन (38.59), शाजापुर |
9 | भिण्डी | 14.42 | खण्डवा (29), बड़वानी (28), भोपाल |
10 | कद्दू | 22.48 | शिवपुरी (30.60), इन्दौर (30), |
11 | कुल सब्जियाँ | 19.54 | झाबुआ (37.92), खरगोन (28.04), इन्दौर (25.04) |
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: