राज्य कृषि समाचार (State News)

उत्तर प्रदेश सरकार का किसानों और मिलर्स को तोहफा, धान कुटाई पर मिलेगी 1% रिकवरी छूट

04 नवंबर 2025, भोपाल: उत्तर प्रदेश सरकार का किसानों और मिलर्स को तोहफा, धान कुटाई पर मिलेगी 1% रिकवरी छूट – उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों और चावल मिलर्स को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार ने नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई पर 1 प्रतिशत की रिकवरी छूट देने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश में चावल मिल उद्योग को नई ऊर्जा मिलेगी और मिलर्स के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। सरकार के इस कदम से करीब 13 से 15 लाख किसानों और 2000 से अधिक राइस मिलर्स को सीधा लाभ होगा। इस राहत पैकेज के तहत राज्य सरकार मिलों को लगभग 167 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति करेगी।

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यह छूट मिलों के लिए प्रोत्साहन के साथ-साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी। अनुमानित रूप से इससे राइस मिल उद्योग में जुड़े लगभग 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, चावल मिलों में मशीनों और उत्पादन क्षमता को आधुनिक बनाने के लिए पूंजी का उपयोग संभव होगा, जिससे धान कुटाई की अतिरिक्त क्षमता भी बढ़ेगी। इससे पीडीएस योजना के लिए बाहर से चावल मंगाने की आवश्यकता कम होगी, जिससे केंद्र सरकार की लागत में भी बचत होगी।

राइस मिलर्स को क्या फायदा होगा?

नॉन-हाइब्रिड धान में अपेक्षित रिकवरी न मिलने के कारण कई मिलें पहले सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की कुटाई में कम रुचि लेती थीं। अब 1% रिकवरी छूट मिलने से मिलर्स सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदे गए धान की कुटाई करने के लिए प्रेरित होंगे। इससे चावल मिल उद्योग में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और उद्यमियों का विश्वास मजबूत होगा।

किसानों को मिलेगा लाभ

रिकवरी प्रतिशत में छूट मिलने से मिलों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे किसानों द्वारा लाए गए सभी प्रकार के धान को सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा जा सकेगा। इससे किसानों को अपने उत्पादन का बेहतर मूल्य मिलेगा और हाईब्रिड के अलावा अन्य देशी धान की बुआई को भी बढ़ावा मिलेगा।

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आर्थिक और रोजगार प्रभाव

सरकार की प्रतिपूर्ति से मिलों को अपनी मशीनों और उत्पादन क्षमता में सुधार करने का अवसर मिलेगा। इससे प्रदेश में धान कुटाई की अतिरिक्त क्षमता बढ़ेगी और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इसके अलावा, सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) योजना के तहत मिलने वाले धान के प्रावधानों का सही समय पर क्रियान्वयन संभव होगा, जिससे पीडीएस योजना में चावल की उपलब्धता में सुधार आएगा।

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