उत्तर प्रदेश: रबी सीजन में किसानों को मुफ्त में मिलेगा अलसी का बीज, ऑनलाइन आवेदन हुए शुरू
27 सितम्बर 2025, भोपाल: उत्तर प्रदेश: रबी सीजन में किसानों को मुफ्त में मिलेगा अलसी का बीज, ऑनलाइन आवेदन हुए शुरू – उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है। रबी सीजन 2025-26 में तिलहन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने एक खास योजना शुरू की है, जिसके तहत किसानों को निःशुल्क अलसी बीज मिनीकिट उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश के कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय में वृद्धि करना है। इस बार बीज मिनीकिट पाने के लिए किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया दिनांक 24 सितंबर 2025 से 12 अक्टूबर 2025 तक चलेगी।
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि आवेदन पूरी तरह से पारदर्शी होंगे और यदि आवेदन संख्या लक्ष्य से अधिक हुई तो ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से चयन किया जाएगा। प्रत्येक किसान को केवल एक मिनीकिट ही मिलेगा, जिसे चयनित होने पर POS मशीन के जरिए सरकारी बीज भंडार से वितरित किया जाएगा। इच्छुक किसान विभाग के आधिकारिक पोर्टल Agridarshan.up.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन और चयन प्रक्रिया
किसानों के लिए यह योजना ऑनलाइन आवेदन के जरिए संचालित की जा रही है ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और सभी इच्छुक किसान आसानी से आवेदन कर सकें। आवेदन शुरू होने की तारीख 24 सितंबर से 12 अक्टूबर तक निर्धारित की गई है। आवेदन की अंतिम तिथि के बाद यदि आवेदन संख्या निर्धारित लक्ष्य से अधिक हुई तो आनलाइन लॉटरी के माध्यम से चयनित किसानों का चयन होगा।
इस योजना के तहत एक किसान को केवल एक ही बीज मिनीकिट दिया जाएगा। चयनित किसानों को POS मशीन से नजदीकी सरकारी कृषि बीज भंडार से बीज वितरित किए जाएंगे। इस योजना के लिए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों से अपील की है कि वे इस अवसर का लाभ अवश्य उठाएं क्योंकि इससे उनकी फसल की पैदावार और आय में वृद्धि होने की संभावना है।
अलसी की खेती के लिए जरूरी जानकारी
अलसी की खेती रबी सीजन में तिलहन फसलों के अंतर्गत आती है और इसे किसानों के लिए फायदेमंद माना जाता है। कृषि निदेशक डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि अलसी की खेती सिंचित और असिंचित दोनों परिस्थितियों में की जा सकती है। बीज को 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए। अलसी की फसल में ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती, लेकिन बेहतर पैदावार के लिए 2-3 बार सिंचाई करना आवश्यक है। बीज बोने से पहले इसे कार्बेन्डाजिम के साथ उपचारित करना भी लाभकारी होता है।
अलसी न केवल एक आर्थिक फसल है बल्कि इसके बीज औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में इसे ‘दैवी भोजन’ कहा गया है। अलसी के तेल से कई बीमारियों जैसे हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, लिवर इंफेक्शन और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। इसलिए किसानों के लिए अलसी की खेती लाभकारी होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी साबित होती है।
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