यूपीएल के प्रोन्यूटिवा सदा समृद्ध मूंगफली प्रोग्राम का गुजरात में उत्कृष्ट परिणाम दिखा
मूंगफली की उपज में 35% से अधिक की वृद्धि और किसानों की आमदनी में 36% तक की बढ़ोत्तरी
10 मार्च 2022, गुजरात । यूपीएल के प्रोन्यूटिवा सदा समृद्ध मूंगफली प्रोग्राम का गुजरात में उत्कृष्ट परिणाम दिखा – टिकाऊ कृषि उत्पादों और समाधानों के वैश्विक प्रदाता, यूपीएल ने गुजरात के किसानों को एक प्रोग्राम के माध्यम से अपने प्रोन्यूटिवा पैकेज का उपयोग करके उनकी मूंगफली की फसलों की उपज को 35% तक बढ़ाने में मदद की है। यदि इस प्रोग्राम को बड़े पैमाने पर अपनाया जाये तो खाद्य तेल के आयात पर भारत की निर्भरता कम हो सकती है। 2021 में गुजरात में, यह प्रोग्राम मूंगफली की खेती वाले 12,000 एकड़ से अधिक खेतिहर जमीन पर चलाया गया। इस प्रोग्राम के तहत, लगभग 4000 किसानों ने विशेषीकृत पैकेज को उपयोग में लाया। इस कार्यक्रम से अब तक तीन वर्षों में 75000 से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और 2.5 लाख एकड़ से अधिक के खेतों को कवर किया गया है।
प्रोन्यूटिवा सदा समृद्ध प्रोजेक्ट के तहत, मूंगफली की खेती करने वाले किसानों को आईपीएम किट, मृदा परीक्षण, मौसम संबंधी सेवा, फसल सलाहकार और उच्च तकनीक समर्थित कृषक मशीनीकरण सेवाओं सहित एकीकृत कृषि सेवाएँ प्रदान की गईं ताकि मूंगफली की पैदावार और किसानों की आय बढ़ सके। उन्होंने यूपीएल के बेजोड़ उत्पाद “ज़ेबा” का भी उपयोग किया, जो पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेता है और पौधों को इनकी आवश्यकता होने पर इन्हें पौधों को देता है। इस प्रोजेक्ट ने न केवल मूंगफली किसानों के उत्थान के लिए प्रौद्योगिकी सेवाओं के साथ – साथ उपयुक्त इनपुट और सलाहकार के महत्व को प्रदर्शित किया है, बल्कि देश भर में अत्यधिक लाभकारी मूंगफली की खेती को प्रोत्साहित करने की क्षमता का भी प्रदर्शन किया है। यह खाद्य और पोषण सुरक्षा में योगदान देने के साथ-साथ देश के राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन में भी मदद कर सकता है।
भारत के घरों में खाना पकाने के लिए खाद्य तेलों का महत्वपूर्ण रूप से उपयोग किया जाता है और एक आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, देश की 60 प्रतिशत खाद्य तेल की आवश्यकताएँ आयात के जरिए पूरी की जाती हैं। गुजरात, मूंगफली का अग्रणी उत्पादक होने के नाते, इस प्रोग्राम के कार्यान्वयन के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य है, और यह भारत के कुल तेल आयात के लगभग 10% की आपूर्ति कर सकता है।
प्रोन्यूटिवा प्रोग्राम को अपनाने वाले किसानों के पैदावार और मुनाफे में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि हुई। औसतन, इस प्रोग्राम के तहत खेतों में 800 किलोग्राम/एकड़ की तुलना में 1056 किलोग्राम/एकड़ की उपज देखी गई, और सूखे चारे की उपज भी 2500 किलोग्राम/एकड़ की तुलना में 3500 किलोग्राम/एकड़ की हुई, जिससे कुल मिलाकर आमदनी में 20,136 रु. प्रति एकड़ की वृद्धि हुई। किसानों की शुद्ध आय में औसतन लगभग 36% की वृद्धि हुई। इस प्रोग्राम ने उन क्षेत्रों के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किये, जिसमें उन्हें टिकाऊ कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण दिया गया और कुशल बनाया गया। यूपीएल के प्रोन्यूटिवा ने राष्ट्रीय स्तर पर 2.22 लाख से अधिक किसानों को लाभान्वित किया है और 18 लाख एकड़ जमीन को कवर किया है।
यूपीएल के निदेशक, भारत क्षेत्र, आशीष डोभाल ने कहा, “हमारे प्रमुख हितधारक होने के नाते किसान हमारे प्रयासों और गतिविधियों का केंद्रबिंदु हैं, और हम उनके कल्याण और समृद्धि के लिए प्रयास करते हैं। नवाचार का उपयोग करके टिकाऊपन की पुनर्कल्पना करने के हमारे प्रयासों के तहत, हम उम्मीद करते हैं कि किसान टिकाऊ पद्धतियों को अपनाने में सक्षम हो जायेंगे, जिससे न केवल पर्यावरण की स्थिति सुधरेगी बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी। यह फसल पैकेज खाद्य तेलों के उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास में मूंगफली की फसल की उपज और तेल सामग्री को बढ़ाने के लिए समर्पित है।”
गुजरात के हिमतनगर के नवा, तालोद के किसान, अंकुरभाई पटेल ने बताया, “मैंने अपने 10 एकड़ खेत में प्रोन्यूटिवा प्रोग्राम का उपयोग किया, और मूंगफली के वजन में 64% की वृद्धि हुई, और चारे के वजन में 17% की वृद्धि हुई। ”
गुजरात के भावनगर के थडास, तलजा के किसान, रामजीभाई नागाजीभाई ने कहा, “मैंने 15 एकड़ के अपने खेत में यूपीएल के प्रोन्यूटिवा पैकेज का प्रयोग किया। प्रति 10 पौधों में मूंगफली का वजन 138 किलोग्राम से बढ़कर 178 किलोग्राम हो गया और उपज में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई।“
महत्वपूर्ण खबर: मप्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हुआ नुकसान