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एक लाख करोड़ रूपय के कृषि इनफ्रास्ट्रक्चर फ़ंड को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी

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एक लाख करोड़ रूपय के कृषि इनफ्रास्ट्रक्चर फ़ंड को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी

पीएम- किसान योजना में 10 करोड़ किसानों को 20 हजार करोड़ रु. जारी

09 जुलाई 2020, नई दिल्ली। एक लाख करोड़ रूपय के कृषि इनफ्रास्ट्रक्चर फ़ंड को केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की घोषणानुरूप एक लाख करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को केन्द्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी देते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि इस फंड के माध्यम से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलने से कृषि संबंधी गतिविधियों के लिए देशभर में अधोसंरचना विकसित होगी, जिससे कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।

पत्रकार वार्ता में श्री तोमर के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर व कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल मौजूद थे। श्री तोमर ने बताया कोरोना वायरस के संकट के दौर में कृषि का क्षेत्र और ताकतवर बनकर उभरा है। लाकडाउन की स्थिति में अन्य गतिविधियां लगभग बंद थी, लेकिन कृषि का क्षेत्र अपनी गति से काम कर रहा था। किसानों ने किसी भी प्रकार से इस क्षेत्र में नुकसान होने का अवसर प्रदान नहीं किया।

खरीफ की बुवाई

रबी फसल की दृष्टि से देखें तो गत वर्ष 144 मिलियन टन पैदावार हुई थी और इस बार 152 मिलियन टन पैदावार हुई है। खरीफ की बुआई अभी चल रही है जो इस बार अभी तक 432.97 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हो चुकी है व पिछले साल से 202 लाख हेक्टेयर (88 प्रतिशत) ज्यादा है और अभी बुआई चल ही रही है। कुल मिलाकर, रबी में पहले से अधिक पैदावार करना, उसका उपार्जन करना, बाकी सारी व्यवस्थाएं बनाना और ग्रीष्म ऋतु व खरीफ की फसलों में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होना, ये सब कृषि क्षेत्र की ताकत का परिचायक है।

केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया कि आत्मनिर्भर पैकेज में एक महत्वपूर्ण घोषणा थी- कृषि अधोसंरचना गांव-गांव में खड़ी हों, किसान अपना उत्पादन ठीक से रख सकें, इन सबके लिए आवश्यक अधोसंरचना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कैबिनेट ने एक लाख करोड़ रु. के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की पूरी परियोजना को भी स्वकृति दे दी है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का सृजन भी होगा। इस परियोजना में एक लाख करोड़ रु. के ऋण दिए जाएंगे। प्रोजेक्ट कितनी भी राशि के बनाए जा सकते हैं, लेकिन इनमें दो करोड़ रु. ऋण राशि तक क्रेडिट गारंटी व उस पर ब्याज में तीन प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा।

श्री तोमर ने बताया कि इस फंड में पूरी तरह पारदर्शिता रहे, इसके लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाए जाएंगे, अनेक योजनाओं को शामिल किया गया है। इन सभी परियोजनाओं का लाभ निचले स्तर तक वास्तव में पहुंच सकें, इसके लिए केन्द्र सरकार आवश्यक तकनीकी समर्थन भी देगी। इस प्रकार की अधोसंरचनाएं खड़ी होने से निश्चित रूप से किसानों को बहुत फायदा होगा। यह एक लाख करोड़ रु. का पैकेज कृषि उपज को नुकसान से भी बचाएगा, किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल पाएं यह सुनिश्चित करेगा, नीचे तक प्रोसेसिंग इकाइयां पहुंचेगी, गांवों में बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर सृजित करने में भी सहायक होगा।

श्री तोमर ने कहा कि पूरे देश में कृषि फायदे में आएं और जो छोटे किसान हैं, उनकी ताकत बढ़े, उत्पादन में भी ताकत बढ़े, उत्पादकता में भी ताकत बढ़े, विपणन की दृष्टि से भी उन्हें अच्छे प्लेटफार्म मिले और वो प्रोसेसिंग में जाएं, पैकेजिंग में जाएं, इसके लिए 10 हजार कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद ने पारित कर दिया और विभाग ने भी उसकी गाइडलाइंस बनाकर जारी कर दी है।

श्री तोमर ने बताया कि 75 लाख नए किसानों को केसीसी दे दिया गया है और ढाई करोड़ किसानों को इसमें कवर किया जाना है। अभियान के माध्यम से यह कार्य पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना में 10 करोड़ किसानों को 20 हजार करोड़ रु. जारी कर दिए गए हैं।

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