महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर में जैविक खेती पर प्रशिक्षण हुआ
21 फरवरी 2023, उदयपुर: महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय, उदयपुर में जैविक खेती पर प्रशिक्षण हुआ – अनुसंधान निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में जैविक खेती पर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण “जैविक खेती में उद्यमिता” का समापन सोमवार, 20 फरवरी, को आयोजित किया गया।
डाॅ. अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर एवं मुख्य अतिथि ने कहा कि केवल पेस्टीसाइड एवं उर्वरक के बिना खेती करना जैविक खेती नहीं है। साथ ही यह मानव मूल्य स्मार्ट खेती है। जहाँ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ-साथ जल, कार्बन, ऊर्जा तथा पर्यावरण गुणवत्ता के सभी कारकों का अत्याधुनिक तकनीकों से प्रबंधन किया जाता है। हमें मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु बिना नुकसान के 2050 तक 9-11 बिलियन जनंसख्या के लिए गुणवत्ता पूर्ण खाद्यान्न उत्पादन करना है। अच्छी बात यह है कि इन उत्पादों की न कि सिर्फ विदेश में खपत है बल्कि भारत में भी इसका बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। साथ ही उन्होंने किसानों को विभिन्न तरह के जैविक खाद को बनाकर छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू कर उद्यमी बनने पर जोर दिया।
डाॅ. एस. एस. शर्मा, अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय ने किसानों को तकनीकी सहायता कहाँ से मिलेगी, काम शुरू करने के लिए कहाँ से वित्त पोषण होगा और जैविक खेती बाजार आदि के बारे में जानकारी दी।
डाॅ. अरविन्द वर्मा, क्षेत्रीय निदेशक अनुसंधान ने कहा कि जैविक कृषि की नवीनतम तकनीकों का विकास करना आवश्यक है। साथ ही ग्राहक एवं बाजार जोड़कर किसानों एवं पर्यावरण को फायदा पहुंचाना आज के समय की आवश्यकता है। हमें बायोडायनेमिक खेती, शून्य बजट, प्राकृतिक खेती तथा जैविक पशुपालन को वर्तमान कृषि पद्धति के साथ जोड़ कर अपनी आय को बढ़ा सकते है।
डाॅ. रोशन चैधरी, सह-परियोजना प्रभारी ने बताया कि पिछले सात दिवसीय इस प्रशिक्षण में किसानों को जैविक खेती के महत्व, विभिन्न जैविक आदान, बाॅयोपेस्टीसाइड, जैविक मुर्गीपालन, अजोला उत्पादन, सब्जियों एवं फलों की नर्सरी तैयार करना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड तथा उन्नत मृदा स्वास्थ्य प्रंबधन आदि पर व्याख्यान कराये गये।
जैविक खेती में उद्यमिता पर प्रशिक्षण पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में उदयपुर, चित्तौड़गढ़ एवं अजमेर जिले के किसानों तथा विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्षों, संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों, महाविद्यालय के कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों सहित 40 लोगों ने भाग लिया। अतिथियों का आभार तथा कार्यक्रम का संचालन डाॅ. गजानन्द जाट ने किया।
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