गति पकड़ रहा है ट्रैक्टर बाज़ार
गति पकड़ रहा है ट्रैक्टर बाज़ार
भोपाल। कोविड -19 के कारण लगभग बंद पड़े ट्रैक्टर बाज़ार में अब धीरे धीरे गति आ रही है ।हालाँकि सरकार ने किसानों एवं कृषि के हित देखते हुए ट्रैक्टर एवं कृषि यंत्र विक्रेताओं को लॉक डाउन में शुरू से ही छूट दी है ।लेकिन उसके बावजूद वहाँ अप्रैल में ट्रैक्टरों की बिक्री नाम मात्र की रही, जिसका मुख्य कारण कोविड -19 की विपरीत परिस्थितियों में किसान कटाई गहाई में व्यस्त था साथ ही आवागमन भी लगभग बंद था।
लॉकडाउन 4.0 में धीरे धीरे जहाँ दुकानदारों को छूट मिलना शुरू हुई वहीं रबी की फ़सल मुख्य रूप से गेहूं की समर्थन मूल्य पर ख़रीदी भी प्रारंभ हुई जिससे बाज़ार में नए ट्रैक्टरों के लिए पूछ परख बढ़ना शुरू हुई है ।इससे ट्रैक्टर विक्रेताओं में भी आशा की लहर चली है।
प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकांश में ट्रैक्टर डीलरों की दुकानें अब खुलने लगी हैं। अभी डीलरशिप पर ट्रैक्टरों के लिए किसानों की आवाजाही धीमी है परंतु ट्रैक्टर विक्रेताओं ने कृषक जगत से चर्चा में उम्मीद जतायी कि आने वाले दिनों में ट्रैक्टर की ग्राहकी बढ़ेगी । गेहूं के अच्छे उत्पादन से ट्रैक्टर बाज़ार को काफ़ी उम्मीदे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने भी समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड 115 लाख मीट्रिक टन गेहूं की ख़रीदी की है और 12 हज़ार करोड़ रुपये से भी अधिक का भुगतान किसानों को कर दिया है ।इसके अलावा सरकार ने फ़सल बीमा के 2990 करोड़ रुपया किसानों के खाते में डाले हैं। केंद्र सरकार ने भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 1700 करोड़ रुपये प्रदेश के किसानों में वितरित किए हैं।
अभी मंडियों में भी गेहूं के अच्छे भाव किसानों को मिल रहे हैं। हाल ही में रतलाम की कृषि उपज मंडी में शरबती गेहूं का उच्चतम भाव साढ़े 5 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल पर पहुँच गया। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्र में नक़दी का प्रवाह बढ़ेगा ,साथ ही लॉक डाउन -4 की समाप्ति के साथ प्रशासन नियमों को शिथिल करेगा जिससे व्यापार में और आसानी होगी ।सप्लाई चेन में भी सुधार होगा , सभी संभावनाएं बताती है कि ट्रैक्टर बाज़ार अभी और गति पकड़ेगा ।