मंदसौर जिले किसानों को खरीफ फसलों की सम सामयिक सलाह
27 अगस्त 2024, मंदसौर: मंदसौर जिले किसानों को खरीफ फसलों की सम सामयिक सलाह – कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र, मंदसौर के वैज्ञानिकों द्वारा गांव हैदरवास, सेमलिया हीरा, कातना, राणायरा, तितरोद, सोकड़ी आदि गांवों का भ्रमण किया गया।
भ्रमण के दौरान फसलों में कुछ समस्या पाई गई थी, जिसका निदान निम्नलिखित है –
मूंगफली में जड़ एवं तना सड़न रोग- इस रोग के कारण पौधा पीला पड़कर सूख रहे हैं। इसके उपचार हेतु पूर्व मिश्रित फ्लूसिलाजोल 12.5 प्रतिशत, कार्बन्डाजिम 25 प्रतिशत, एस. ई. की 2 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर के छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
मूंगफली की पत्तियां पीली पड़ रही हैं– मूंगफली की फसल सल्फर की कमी के कारण पीली पड़ रही है, इसके उपचार के लिए घुलनशील सल्फर 80 प्रतिशत डब्लूडीजी की 3 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 8 से 10 दिनों की अन्तराल पर दो बार छिड़काव करें।
सोयाबीन फसल में पीलापनः– ढलान वाली एवं कम उपजाऊ वाले खेतों में पोषक तत्वों की कमी के कारण सोयाबीन की फसल पीली पड़ रही है। इसके उपचार के लिए जल में घुलनशील उर्वरक 18:18:18 या 19:19:19 या 0:2:34 कि 5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर के छिड़काव करें।
सोयाबीन में गर्डल बीटल एवं पत्ती खाने वाले कीट– कीटों के नियन्त्रण हेतु क्लोरएंट्रानिलिप्रोल 18.5 प्रतिशत एससी की 150 मिली मात्रा या पूर्व मिश्रित कीटनाशक थाईमेथोक्साम 12.6 प्रतिशत लेम्ब्डा साईहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत एससी की 125 मिली मात्रा 500 लीटर पानी में घोल बनाकर के प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
सोयाबीन फसल की कहीं कहीं ज्यादा बढ़वार – अगर किसान बढवार को रोकना चाहते हैं तो मेपिक्वाटक्लोराइड 5 प्रतिशत ए.एस. की 1000 मिली लीटर मात्रा 500 लीटर पानी में घोल बनाकर के प्रति हेक्टेयर की दर से फूल आने की अवस्था में एक छिड़काव कर सकते हैं।
मक्का की फसल में इल्ली – नियन्त्रण के लिए स्पाईनिटोरम 11.7 प्रतिशत एससी की 6 एमएल मात्रा या मेटाराइजियम एनिसोप्लाए की 100 ग्राम मात्रा प्रति पंप (20 लीटरपानी में) घोल बनाकर के छिड़काव करें तथा फेरोमेन टेप एवं लाइट ट्रैप खेत में लगावे।
टमाटर की फसल में पत्ती धब्बा रोग– नियंत्रण के लिए पूर्व मिश्रित कवकनाशी एजोक्सीस्ट्रोबिन 18.5 प्रतिशत, डाईफेनाकोनाजोल 11.4 प्रतिशत की 20 मिली लीटर मात्रा प्रति पंप 20 लीटर पानी और पतझड़ क्षेत्र प्रबंधन के लिए गोल आकार में छिड़काव करें हेलील्योर फेरोमोनट्रैप 3 प्रति बीघा की दर से लगाएं।
सब्जियों में फल छेदक इल्ली – करेला, लौकी, गिलकी, तोरई आदि बेल वर्गीय फसलों में फलों को छेदकर खराब करने वाली इल्ली को नियंत्रित करने के लिए क्यूल्लुर 3 से 4 प्रति बीघा की दर से लगावें तथा सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए पीली चिपचिपा ट्रैप 5 से 10 प्रति बीघा की दर से लगावें। भिंडी एवं बैंगन में फल तथा कोपलों में छेद करने वाली इल्ली के नियन्त्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप तीन प्रति बीघा की दर से लगावें तथा पूर्व मिश्रित कीटनाशक क्लोरऐंट्रानिलिप्रोल 09.30 प्रतिशत, लैम्ब्डा-साइहलोथ्रिन 04.60 प्रतिशत जेड.सी. की 8 मिली मात्रा प्रति 20 लीटर पानी में घोल बनाकर के छिड़काव करें।
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