इस साल भी सागर जिले में डीएपी और यूरिया की किल्लत किसानों को झेलनी पड़ रही
21 अक्टूबर 2024, सागर: इस साल भी सागर जिले में डीएपी और यूरिया की किल्लत किसानों को झेलनी पड़ रही – हर साल की तरह इस साल भी सागर जिले में डीएपी और यूरिया की किल्लत किसानों को झेलनी पड़ रही है. सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद्य उपलब्ध नहीं कर पा रही है, यही वजह है कि डीएपी आने की खबर लगते ही सोसाइटी हो या खाद्य वितरण केंद्र सभी जगह किसने की लंबी-लंबी लाइन लग जाती है. यहां तक की लोग रात में ही पहुंचकर अपना नंबर लगा लेते हैं.
बता दें कि सोयाबीन मक्का की कटाई हो जाने के बाद अब गेहूं चना मसूर सरसों अरहर बुआई की जाती है. इसके लिए किसानों ने पूरी तैयारी कर ली है, लेकिन वह अपनी करने के साथ डीएपी की जरूरत पड़ती है. सरकार के द्वारा नैनो डीएपी और नैनो यूरिया के रूप में भी विकल्प रखे गए हैं, लेकिन उनकी भी फिलहाल पूर्ति नहीं हो पा रही है.
जिले में लगभग 3 लाख किसान हैं, जो 40 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती करते हैं. उनके लिए 38 हजार मीट्रिक टन डीएपी की मांग जिला विपणन अधिकारी द्वारा की गई है, लेकिन अब तक केवल 10 हजार मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके उपलब्ध हो पाया है. इससे किसानों को डीएपी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, 45 हजार मीट्रिक टन यूरिया की भी मांग की गई थी, पर अभी तक केवल 15 हजार मीट्रिक टन यूरिया ही उपलब्ध कराया गया है. हालांकि, यूरिया का उपयोग फसल बुवाई के 15-20 दिन बाद शुरू होता है.
सागर जिले में केवल 26,000 किसान समितियों से खाद लेने के लिए पात्र हैं, यानी वे डिफाल्टर नहीं हैं. जिले में 173 सहकारी समितियां हैं, जिनमें से 116 समितियों में डीएपी भेजा जाना है, लेकिन अब तक केवल 25 समितियों में ही खाद भेजा जा सका है. जिला विपणन अधिकारी राखी रघुवंशी ने बताया कि हाल ही में डीएपी की एक रैक आई है, जिसे समितियों में भेजा गया है, और इसी कारण कुछ जगहों पर किसानों की भीड़ देखी जा रही है. खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, और अब तक सरकार से 10,500 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध हो चुका है.
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