राज्य कृषि समाचार (State News)

काली गाजर की है जबरदस्त डिमांड उत्पादन के लिए अभी से किया जा सकता है विचार

20 जून 2025, भोपाल: काली गाजर की है जबरदस्त डिमांड उत्पादन के लिए अभी से किया जा सकता है विचार – जी हां ! काली गाजर की जबरदस्त डिमांड होती है और इसका उत्पादन भी किसान यदि करें तो निश्चित ही मोटा मुनाफा हो सकता है। हालांकि इस काली गाजर के लिए बुवाई का उपयुक्त समय अक्टूबर के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह में रहता है लेकिन इसका उत्पादन करने के लिए किसान भाई अभी से विचार कर सकते है ताकि मन बनाकर बारिश के बाद काली गाजर का उत्पादन अच्छे से किया जा सके। 

काली गाजर   कई वजहों से आपके लिए बेहद उपयोगी है।इसकी डिमांड फार्मा, हेल्‍थ केयर से लेकर कई फूड मेकिंग में काफी है। काली गाजर की खेती किसान भाइयों को बंपर मुनाफा करवाती है। काली गाजर में आयरन, तांबा, पोटेशियम, फास्फोरस के साथ भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी, सी और ई पाया जाता है। काली गाजर की कटाई बुवाई के 70 से 90 दिन बाद की जाती है। इसकी उपज 8 से 10 टन प्रति हेक्टेयर मिल जाती है। इसकी बुवाई अक्टूबर के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह में की जाती है। एक हेक्टेयर क्षेत्र के लिए लगभग 4 से 6 किलो काली गाजर के बीज की आवश्यकता होती है।

काली गाजर के कुछ स्वास्थ्य लाभों में शामिल हैं

  • काली गाजर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करती है और कब्ज से राहत दिलाती है.
  • काली गाजर में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं.
  • काली गाजर में एंथोसायनिन होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है.
  • काली गाजर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है.
  • काली गाजर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करती है. 

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