राज्य कृषि समाचार (State News)

भारतीय संस्कृति में नदियों-कुओं-तालाबों और बावड़ियों के संरक्षण की रही है परंपरा

02 जुलाई 2025, भोपाल: भारतीय संस्कृति में नदियों-कुओं-तालाबों और बावड़ियों के संरक्षण की रही है परंपरा –  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी टीम के जल संवर्धन और संचयन के कार्यों से जल गंगा संवर्धन अभियान को जन-आंदोलन बनते देखना सुखद अनुभूति है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के लाखों लोगों के परिश्रम, समर्पण और आस्था से संचालित जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर प्रेषित अपने संदेश में प्रदेशवासियों, विशेषत: जलदूतों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं और किसानों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पानी की एक-एक बूँद बचाने के लिए 90 दिन तक चले जल गंगा संवर्धन अभियान में जनभागीदारी से हुए कार्यों को ऐतिहासिक बताते हुए प्रदेशवासियों को उनके योगदान के लिये धन्यवाद दिया।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री  के मार्गदर्शन में गुड़ीपड़वा से आरंभ हुए जल गंगा संवर्धन अभियान का  खण्डवा में समारोहपूर्वक समापन हुआ। इस दौरान वॉटर शेड सम्मेलन भी आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समारोह में 1568 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास के तहत पंचायतों में हुए 578 करोड़ लागत के 57207 कार्यों का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वाटरशेड विकास घटक के अंतर्गत प्रदेशभर के 888 जल संरक्षण कार्यों का लोकार्पण और खंडवा जिले की जावर माइक्रो सिंचाई परियोजना एवं 3 अन्य सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान प्रदेश की जीर्णोद्धार की गई 74 जल संरचनाओं का लोकार्पण भी हुआ। 

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत में आदिकाल से जल की वंदना होती आई है और हमारी संस्कृति में नदियों, कुओं, तालाबों और बावड़ियों को पूजनीय मानकर उनके संरक्षण की परम्परा रही है। इस विरासत को समृद्ध करते हुए ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ नदियों को निर्मल, अविरल और सदानीरा बनाने के लिए जन-जागरूकता की दिशा में एक प्रेरणादायी प्रयास रहा है। जन भागीदारी की शक्ति से उर्जित यह एक उत्कृष्ट अभियान बना जिसमें मध्यप्रदेश के सामर्थ्यवान व प्रकृति प्रेमी साथियों का योगदान प्रशंसनीय रहा है। जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण में खंडवा की उपलब्धि लोगों को प्रेरित करेगी।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements