राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश के 11 हजार गाँवों के दुग्ध उत्पादकों की बढ़ेगी आय

12 सितम्बर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश के 11 हजार गाँवों के दुग्ध उत्पादकों की बढ़ेगी आय – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश के सहकारिता और दुग्ध उत्पादन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। खासतौर पर राज्य में डेयरी सेक्टर को मजबूती देने और साँची ब्रांड को और बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

डॉ. यादव ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के साथ एक त्रि-पक्षीय समझौता किया है, जिसके तहत अगले पांच वर्षों तक दुग्ध संघों के प्रबंधन और संचालन का जिम्मा एनडीडीबी के पास होगा। इस एमओयू से लगभग 11 हजार गांवों के पशुपालक और दुग्ध उत्पादक किसानों को लाभ होगा, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसके साथ ही राज्य सरकार इन गांवों में बहुउद्देशीय सहकारी संस्थाओं का गठन करेगी ताकि सहकारिता के क्षेत्र को और मजबूत किया जा सके।

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साँची ब्रांड को मिलेगी नई पहचान

मुख्यमंत्री ने बताया कि दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ ही साँची ब्रांड का उन्नयन किया जाएगा और इसे और अधिक बेहतर बनाया जाएगा। एनडीडीबी के सहयोग से राज्य में दुग्ध सहकारिता का विस्तार किया जाएगा, जिसमें दुग्ध विपणन, प्रसंस्करण, पशु प्रजनन, पशुपालन और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर पशुपालकों की आय में सुधार किया जाएगा।

श्री अमित शाह ने इस पहल की सराहना की और प्रदेश सरकार के प्रयासों में केंद्र सरकार से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। श्री शाह ने कहा कि इस दिशा में पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर काम होना चाहिए, जिससे दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश आत्मनिर्भर बन सके।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उम्मीद जताई कि इस एमओयू से न केवल दुग्ध उत्पादक किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश के कृषि आधारित उद्योगों और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को न सिर्फ कच्चे माल की आपूर्ति में, बल्कि उनके उत्पादों पर भी पूरी भागीदारी मिलेगी। इसके साथ ही राज्य में रोजगार और उद्योगों के विस्तार के लिए संभाग स्तर पर आयोजित किए जा रहे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की जानकारी भी दी।

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डॉ. यादव ने केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपार्जन के फैसले का आभार जताया, जिससे प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत मिली है।

त्रि-पक्षीय एमओयू के मुख्य बिंदु

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, मध्यप्रदेश पशुपालन विभाग और स्टेट डेयरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन के बीच यह त्रि-पक्षीय एमओयू हुआ है। इस समझौते के तहत राज्य में सहकारी कवरेज को विस्तार देने, किसानों को प्रशिक्षित करने और डेयरी कवरेज बढ़ाने के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्व-सहायता समूहों (एसएचजी) और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (M-PACS) को शामिल किया जाएगा।

दुग्ध संकलन, परिवहन और प्रसंस्करण के विभिन्न चरणों में गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। इसके अलावा मौजूदा बुनियादी ढांचे का अधिकतम उपयोग, संयंत्र तकनीक का उन्नयन और प्रक्रिया का डिजिटलीकरण भी किया जाएगा।

विपणन गतिविधियों को भी और मजबूती दी जाएगी, ताकि अन्य राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मध्यप्रदेश के दुग्ध उत्पादों का निर्यात बढ़ सके।

एमओयू के तहत ग्वालियर और जबलपुर के दुग्ध संघों के पुनरुत्थान और जबलपुर दुग्ध संघ के कार्यक्षेत्र का पुनर्गठन करने पर भी सहमति बनी है। साथ ही शहडोल और रीवा संभाग के लिए एक नया रीवा-शहडोल दुग्ध संघ स्थापित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है।

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