मोनसून का पहला पानी खेत-तालाबों में, जलगंगा संवर्धन अभियान इम्पैक्ट कितना?
03 जुलाई 2025, भोपाल: मोनसून का पहला पानी खेत-तालाबों में, जलगंगा संवर्धन अभियान इम्पैक्ट कितना? – मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में शुरू हुए ‘जलगंगा संवर्धन अभियान’ के तहत मनरेगा योजना से अब तक 84,930 खेत तालाब और 1,283 अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं। इन संरचनाओं के जरिए राज्य के 1.67 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि में जल संचयन और सिंचाई की व्यवस्था करने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार के अभियानों के मुताबिक, मानसून की बारिश के तीन महीने के भीतर ही ये खेत तालाब पानी से भर गए हैं और कई कुएं रिचार्ज होने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “बारिश की हर बूंद का वैज्ञानिक तरीके से संचयन हो रहा है, जिससे पुराने जल स्रोत पुनर्जीवित हो रहे हैं।”
वहीं, सूखे पड़ चुके कुंओं के पुनरुद्धार के लिए 1.03 लाख रिचार्ज पिट का लक्ष्य रखा गया था, पर वर्तमान में 1,04,294 रिचार्ज पिट बन रहे हैं। इन रिचार्ज पिट्स से जमीन के भीतर जल स्तर बढ़ने और कुओं की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
तकनीकी मदद से काम तेज
मनरेगा परिषद ने पहली बार सिपरी (SIPRI) और प्लानर सॉफ़्टवेयर का प्रयोग किया। प्लानर सॉफ़्टवेयर से कार्ययोजना तैयार की गई, फिर सिपरी में प्रवाह का नक्शा बनाकर उपयुक्त स्थल चिन्हित किए गए। इससे कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता बनी रहेगी, बताया गया है।
शीर्ष 10 जिलों की सूची
जलगंगा अभियान में सबसे अधिक खेत तालाब, अमृत सरोवर और रिचार्ज पिट बनाने वाले टॉप 10 जिलों में शामिल हैं: खंडवा, बालाघाट, रायसेन, उज्जैन, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, राजगढ़, अशोकनगर, बैतूल और मंडला
इन जिलों में मनरेगा कार्यों की प्रगति अन्य जिलों की तुलना में तेज़ रहने के कारण इन्हें ‘टॉप परफॉर्मर’ माना गया है।
सरकार का उद्देश्य है कि आगामी मानसून सत्र तक और नए जल संचयन ढाँचों से सिंचाई योग्य रकबे को 65 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के नजदीक पहुंचाया जाए।
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