बारिश के मौसम में रखे मुर्गियों का ख्याल, वरना हो सकती है बीमारी
04 जुलाई 2025, भोपाल: बारिश के मौसम में रखे मुर्गियों का ख्याल, वरना हो सकती है बीमारी – देश के कई किसानों द्वारा मुर्गी पालन भी किया जाता है लेकिन बारिश के इस मौसम में मुर्गियों का ध्यान रखना जरूरी है अन्यथा बीमारी की चपेट में भी मुर्गियां आ सकती है.
इस मौसम में बाड़े में नमी और तापमान बढ़ जाता है, जिससे फंगस, मक्खी- मच्छर और बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. अगर समय रहते सावधानी न बरती तो न सिर्फ मुर्गियों की सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि पालन करने वाले किसान को बड़ा नुकसान भी हो सकता है. बारिश के समय बाड़े में पानी टपकने या रिसने लगता है, जिससे मुर्गियों की बिछावन गीली हो जाती है और फंगस, सड़न व बीमारी की आशंका बढ़ जाती है. इससे बचाव के लिए पहले से ही बाड़े में प्लास्टिक शीट या वाटरप्रूफ पर्दा लगाना चाहिए. ध्यान दें कि पर्दा जाली से 1.5 से 2 फीट की दूरी पर हो, ताकि पानी का रिसाव सीधे बिछावन पर न गिरे. बरसात में नमी और गंदगी से बाड़े में मक्खी-मच्छर बढ़ जाते हैं, जो मुर्गियों में बीमारी फैलाते हैं. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे बचने के लिए बीट पर फिनाईल डालें और बाड़े के बाहर मैलाथियान का स्प्रे करें. अगर बाड़े के पास कोई खाली गड्ढा है तो उसे मिट्टी से भर दें, वरना वहां पानी जमा होकर मक्खियों के पनपने की जगह बन जाती है. बरसात में अगर बाड़े की रोज सफाई न की जाए तो नमी और गंदगी मिलकर मुर्गियों को बीमार कर देती है. इसलिए हर दिन बिछावन सूखा और साफ रखें. ध्यान दें कि जहां पानी जमा हो गया हो, वहां सूखा चूना या राख डालें ताकि नमी खत्म हो. साथ ही, मुर्गियों का खाना और पानी हमेशा साफ-सुथरी जगह पर ही रखें, ताकि बीमारी का खतरा न हो. बरसात में गंदा पानी और संक्रमित टंकी बर्ड फ्लू जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकती है. ऐसे में पानी की टंकी को बारिश से पहले अच्छी तरह साफ करें. इसके अलावा, टंकी में पानी भरने के बाद उसमें ब्लीचिंग पाउडर या पोटेशियम परमैंगनेट डालना जरूरी है. ध्यान दें कि मुर्गियों को सिर्फ साफ और ताजे पानी का ही सेवन कराएं.
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