Animal Husbandry (पशुपालन)

छत्तीसगढ़ में  स्वावलंबी गौठानों ने स्वयं ख़रीदा 16 करोड़  का गोबर

Share

07 जुलाई 2022, रायपुर: छत्तीसगढ़ में  स्वावलंबी गौठानों ने स्वयं ख़रीदा 16 करोड़  का गोबर – छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से महत्वपूर्ण सुराजी गांव योजना के गरूवा घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 8408 गौठानों में से 3089 गौठान स्वावलंबी हो गयी  हैं। स्वावलंबी गौठान गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिए स्वयं के पास उपलब्ध राशि का उपयोग करने लगे हैं। स्वावलंबी गौठानों में शासन से राशि की मांग किए बिना 15.93 करोड़ रूपए का गोबर भी स्वयं की राशि से क्रय किया है। रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 279 गौठान स्वावलंबी हुए है। राजनांदगांव जिला प्रदेश में दूसरे स्थान है, जहां स्वावलंबी गौठानों की संख्या 221 हो गई है। तीसरे क्रम पर जांजगीर-चांपा जिले में 190 गौठान स्वावलंबी हुए हैं।

संयुक्त संचालक कृषि एवं गोधन न्याय योजना के सहायक नोडल अधिकारी श्री आर. एल. खरे  ने बताया कि गरियाबंद जिले में 26, धमतरी में 130, बलौबाजार में 101, महासमुन्द जिले में 170 तथा रायपुर जिले में 85, दुर्ग में 185, बालोद में 67, बेमेतरा में 71, राजनांदगांव जिले में 221, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 28, कोरबा जिले में 175, जांजगीर-चांपा में 190, बिलासपुर में 101, मुंगेली में 82, रायगढ़ में 279, कोरिया में 12, जशपुर में 75, बलरामपुर में 80, सरगुजा में 105, सूरजपुर में 94, कांकेर में 144, कोण्डगांव में 80, दंतेवाड़ा में 64, नारायणपुर में 7, बस्तर में 102, बीजापुर में 23 तथा सुकमा जिले में 52 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं।

गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक 10624 गांवों में गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 8408 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहां पर गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियां संचालित हो रही है।

महत्वपूर्ण खबर: गोबर से बनने लगा प्राकृतिक पेंट और पुट्टी

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *