सुपौल- बाढ़ को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन
28 सितम्बर 2024, सुपौल: सुपौल- बाढ़ को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन – कोसी तटबंध वर्ष 1956 से निर्माण की शुरुआत होकर 1962 में कोसी बराज का निर्माण हुआ जिसमें कुल 56 फाटक है, और तब से कोसी तटबंध के अंदर तबाही लगा ही रहा अब समय ऐसी है जो 1968 में बाढ़ आई थी तो काफी प्रलय हुआ था ऐसा लोग बताते हैं, वर्तमान समय में कोसी तटबंध के अंदर सेलिटेशन बालू अधिक होने से ऊंचाई बढ़ गई है और तटबंध के दोनों पश्चिमी और पूर्वी भाग की एरिया डाउन है जिससे तटबंध पर भी खतरा की संभावना हो सकती है सुबह के 8:00 बजे लगभग चार लाख क्यूसेक पानी खोले जाने की सूचना मिली है नेपाल में भारी बारिश से उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराने लगी है शनिवार को कोसी में 56 साल बाद 6.88 लाख क्यूसेक पानी और गंडक में 21 वर्ष बाद 6 लाख की क्यूसेक से अधिक पानी के अंदेशा ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, वहीं बांधों की 24 घंटे निगरानी के आदेश जिला अधिकारी द्वारा इंजीनियरों को सभी छुट्टी रद्द कर दी गई है कोसी में वर्ष 1968 में 5 अक्टूबर को रिकॉर्ड पानी आया था तब जल स्रोत 7.5 क्यूसेक था इसके बाद यह पहली बार होगा जब कोशी का जलस्तर 7 लाख क्यूसेक पहुंचने की संभावना है। कोसी तटबंध के लोग ऊंचे स्थानों के लिए शरण ले रहे हैं वहीं सुपौल जिले के कई बाढ़ आश्रम स्थल अतिक्रमण का शिकार है, मरौना प्रखंड के नदी थाना भी बाढ़ आश्रय स्थल में ही संचालित है।
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