कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर में 27 दिवसीय मशरूम ग्रोवर एवं वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन
कृषि विज्ञान केंद्र सीतापुर में मशरूम कृषकों, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादकों का हुआ प्रशिक्षण
12 जुलाई 2024, भोपाल: कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर में 27 दिवसीय मशरूम ग्रोवर एवं वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन – एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) एवं कौशल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में, भाकृअनुप – अटारी, कानपुर के समन्वयन से, कृषि विज्ञान केंद्र, कटिया, सीतापुर में मशरूम ग्रोवर एवं वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक पर विगत 27 दिनों से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों में कार्यकुशलता एवं दक्षता का सृजन करना था। इसमें कौशल विकास, रोजगार के अवसरों का सृजन, उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार एवं विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और साझेदारी को प्रोत्साहित करना शामिल था।
मुख्य अतिथि सहायक विकास अधिकारी, पंचायत, खैराबाद, श्री संजय कुमार सिंह ने कहा कि जैव विविधता का संरक्षण और संवर्धन अत्यंत आवश्यक है। इससे न केवल हमारी फसलों की उत्पादकता और स्थिरता में वृद्धि होती है, बल्कि पर्यावरण और मानव समाज का भी समग्र कल्याण होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष सहकारी संघ लिमिटेड, मानपुर श्री अतुल गुप्ता ने प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं, द सेकसरिया शुगर फैक्ट्री, बिसवां के गन्ना विकास अधिकारी श्री प्रमोद तोमर ने किसानों के लाभ के लिए प्रशिक्षण की उपयोगिता पर जोर दिया।
वर्मी कम्पोस्टिंग प्रशिक्षण के समन्वयक और मृदा वैज्ञानिक सचिन प्रताप तोमर ने प्रशिक्षण के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण की समन्वयक और गृह वैज्ञानिक डॉ. रीमा ने मशरूम से जुड़े रोजगार प्रारम्भ करने हेतु प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. आनंद सिंह ने किसानों के क्षमता विकास पर केंद्र के प्रयासों पर जोर दिया। डॉ. शिशिर कांत सिंह ने कृषि में केंचुआ और केंचुआ खाद के महत्व पर विस्तार से वार्ता की।
कार्यक्रम का संचालन प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन शैलेन्द्र सिंह, प्रसार वैज्ञानिक ने किया।
इस 27 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और उद्यमी बनने के लिए प्रेरित भी किया।
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