फल वाली फसलों के परिवहन, भंडारण के लिए मिलेगी सब्सिडी
29 सितंबर 2020, खरगोन। फल वाली फसलों के परिवहन, भंडारण के लिए मिलेगी सब्सिडी – आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों के लिए उनकी फसल के भंडारण व परिवहन के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी। उद्यानिकी उप संचालक केके गिरवाल ने बताया कि उद्यानिकी फसलों को खरगोन से देश के अन्य षहरों में परिवहन करने के लिए न सिर्फ किसानों को, बल्कि एफपीओ, एफपीसी और खाद्य प्रोसेसर को अपनी उपज ले जाने के लिए सड़क, पटरी व वायु मार्ग के लिए सब्सिडी प्रदान करने की योजना लागू की गई है। इसके अलावा भंडारण के लिए भी गोदाम व कोल्ड स्टोरेज के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी। चाहे वह किसान किसी प्रायवेट या अपने ही गोदाम में क्यों न भंडारित करें, उसे योजना का लाभ दिया जाएगा।
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इसी तरह एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत जिले में मिर्च की फसल का चयन किया गया है। इस क्षेत्र में आने वाले निजी समूहों सूक्ष्म उद्योगों को सहायता प्रदान की जाएगी। वहीं ब्रांडिंग व विपणन संस्थान, सुदृढ़ीकरण और परियोजना के प्रबंधन की स्थापना के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के माध्यम से परियोजना लागत की 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक पूंजी सब्सिडी अधिकतम 10 लाख रूपए तक प्रदाय होगी।
इन फसलों का भंडारण व परिवहन के लिए मिलेगी सब्सिडी :
उप संचालक गिरवाल ने बताया कि आत्म निर्भर भारत के लिए प्रारंभ हुई इस योजना में एक दर्जन से अधिक उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है। इनमें आम, केला, अमरूद, किवी, लिची, पपीता, अनानास , अनार और कटहल शामिल है। इसी तरह सब्जियों में फ्रेंच बिंस, बीटर लौकी, बैंगन, शिमला मिर्च, गाजर, फूलगोभी, हरी मिर्च, भिंडी, प्याज, आलू और टमाटर शामिल है। किसी भी किसान या खाद्य प्रोसेसर को सब्सिडी का दावा प्रस्तुत करने के लिए ऑनलाईन पोर्टल https://www.sampada-mofpi.gov.in./login.aspx पर क्लेम प्रस्तुत करना होगा।
इन दरों पर मिलेगी सब्सिडी :
फसलों का परिवहन करने और भंडारण करने के लिए किसानों को शासन द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सामान्य ट्रक से परिवहन करने के लिए 2.84 रूपए प्रति मैट्रिक टन प्रति किमी और रेफर वेन से 5 रूपए प्रति मैट्रिक टन प्रति किमी की दर से प्रदाय की जाएगी। इसके अलावा रेल्वे व वायु मार्ग द्वारा भी सब्सिडी देय होगी। इसके लिए वास्तविक भाड़ा राशि भारतीय रेल्वे व एयर इंडिया द्वारा योग्य लागत को माना जाएगा। वहीं भंडारण योजना में गोदाम में 345 रूपए मैट्रिक टन प्रति मौसम और कोड स्टोरेज में 2 हजार रूपए प्रति मैट्रिक टन प्रति मौसम देय होगा।