मध्य प्रदेश में उर्वरक वितरण पर कड़ी निगरानी, कालाबाजारियों पर सख्त कार्रवाई
02 दिसंबर 2024, भोपाल: मध्य प्रदेश में उर्वरक वितरण पर कड़ी निगरानी, कालाबाजारियों पर सख्त कार्रवाई – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश यात्रा से लौटते ही मध्य प्रदेश में उर्वरक वितरण व्यवस्था की समीक्षा की। समत्व भवन में आयोजित इस बैठक में उर्वरक वितरण से जुड़ी शिकायतों और कालाबाजारी के मामलों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध है, लेकिन जहां गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, वहां दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
उर्वरक वितरण में सुधार और गड़बड़ियों पर कार्रवाई
बैठक में बताया गया कि इस सीजन में उर्वरक के अवैध भंडारण, विक्रय, और कालाबाजारी के 71 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें 27 मामले अवैध भंडारण, 17 अवैध विक्रय, 10 कालाबाजारी, 7 अवैध परिवहन और 5 अमानक उर्वरकों से जुड़े हैं। दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कदम उठाए गए हैं। जबलपुर, छतरपुर, और विदिशा जैसे जिलों में कालाबाजारी और अवैध भंडारण पर सख्त कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से रेल रैक और सड़क परिवहन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष उर्वरक विक्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 761 कर दी गई है। विपणन संघ, मार्केटिंग सोसायटी और एमपी एग्रो इन केंद्रों का संचालन कर रहे हैं।
उर्वरक वितरण के आंकड़े:
- अब तक 32.44 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध
- 21.34 लाख मीट्रिक टन का वितरण
- 11.10 लाख मीट्रिक टन उर्वरक स्टॉक में
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जहां रेल रैक पहुंचने में देरी हो, वहां सड़क मार्ग से उर्वरक पहुंचाने की व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की फसल उत्पादन में मदद के लिए उन्हें वैकल्पिक उर्वरकों और फसल चक्र में बदलाव के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कोदो-कुटकी और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। रबी फसल की तैयारी के लिए छिंदवाड़ा में कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जबकि टीकमगढ़ में विक्रय काउंटर बढ़ाकर वितरण व्यवस्था को सुचारू किया गया।
केंद्र सरकार से मिलेगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे केंद्रीय उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से निरंतर उर्वरक आपूर्ति के लिए आग्रह करेंगे। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए 11 रैक प्वाइंट पर यूरिया उपलब्ध कराया जा रहा है। दिसंबर माह में डीएपी, एनपीके, और टीएसपी की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री के प्रमुख निर्देश
- उर्वरक वितरण से जुड़ी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो।
- अधिक से अधिक विक्रय केंद्र खोले जाएं।
- किसानों को फसल चक्र में बदलाव और प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जाए।
- कृषि प्रदर्शनी और आधुनिक तकनीक किसानों तक पहुंचाई जाए।
- मक्का और कोदो-कुटकी उत्पादन को प्रोत्साहन मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के हित में हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उर्वरक वितरण की पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, इसके लिए सख्त निगरानी जारी रहेगी।
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