आज से 17 अक्टूबर तक होगा सोयाबीन खरीदी पंजीयन
04 अक्टूबर 2025, इंदौर: आज से 17 अक्टूबर तक होगा सोयाबीन खरीदी पंजीयन – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए महत्वपूर्ण भावान्तर योजना लागू की है। इस योजना का लाभ सभी किसानों को प्राप्त हो इसके लिए गांव-गांव में ग्राम सभाएं आयोजित कर किसानों को इसकी पूरी जानकारी दी जा रही है। गांधी जयंती के अवसर पर ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाएं आयोजित की गई। कृषि विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के अमले द्वारा पंचायतों में आयोजित ग्राम सभाओं में इसके प्रावधान बताते हुए, अनिवार्य रूप से पंजीयन कराने का आह्वान किया गया। सभाओं में किसानों से पंजीयन कराने के साथ ही खरीदी और भुगतान आदि के संबंध में योजना के स्वरूप का वाचन सचिवों द्वारा किया गया। भावांतर योजना के अंतर्गत ई-उपार्जन पोर्टल पर आज 03 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक सोयाबीन का पंजीयन किया जाएगा। इसके साथ ही फसल बिक्री के लिए भावांतर अवधि 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है। कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने योजना के प्रसार और समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला अधिकारियों को भी जिम्मेदारियां सौंपी है। जिले में भावांतर योजना के प्रभावी संचालन एवं किसान पंजीयन के लिए सभी समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए। जिससे किसानों को किसी प्रकार से अनावश्यक रूप से परेशान न होना पड़े। कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने जिले के सभी सोयाबीन उत्पादक किसानों से अपील की है वे निर्धारित समय अवधि में अपना पंजीयन कराएं और अपना सोयाबीन मंडी मे ही विक्रय करें।
भावांतर योजना में होगा अंतर की राशि का भुगतान – भावांतर योजना, किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाने के लिए शुरू की गई सरकार की एक योजना है। यह प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान के तहत 2018-19 से लागू है। योजना के अनुसार यदि किसान को मंडी में उपज का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम मिलता है, तो राज्य सरकार औसत मॉडल भाव और एमएसपी के बीच के अंतर की राशि सीधे किसान के खाते डालेगी। इसके लिए किसानों का ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन जरूरी है। इस प्रकार हर स्थिति में किसान को उसकी फसल पर एमएसपी के बराबर लाभ सुनिश्चित किया जाएगा।यह योजना उचित औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देती है।
पंजीयन की निशुल्क व्यवस्था – पंजीयन की निशुल्क व्यवस्था ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र और सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों तथा एम.पी. किसान एप पर भी की गई है। यहां किसान अपना निशुल्क पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था 50/-रु शुल्क राशि से एमपी ऑनलाइन कियोस्क,कॉमन सर्विस सेंटर कियोस्क एवं लोक सेवा केंद्र पर की गई हैं। सिकमी/बटाईदार/कोटवार एवं वन पट्टाधारी किसान के पंजीयन की सुविधा केवल सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन सहकारी संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्रों पर उपलब्ध होगी। इस श्रेणी के शत-प्रतिशत किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा
पंजीयन हेतु आवश्यक दस्तावेज – भूमि संबंधी आवश्यक दस्तावेज -खसरा खतौनी, मोबाइल नंबर (आधार से लिंक), आधार कार्ड, बैंक खाता नम्बर एवं आईएफएससी कोड, अन्य फोटो पहचान पत्र।
नोट-पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए किसान अपने आधार नम्बर से बैंक खाता और मोबाइल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखें।
आधार नंबर का वेरिफिकेशन – पंजीयन कराने और फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। वेरिफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जा सकेगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही यह पंजीयन मान्य होगा।
उपार्जित फसल के भुगतान हेतु बैंक खाता – किसान द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय उपज का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किसान के आधार लिंक बैंक खाते में किया जाएगा। किसान के आधार लिंक बैंक खाते में भुगतान करने में किसी कारण से समस्या उत्पन्न होने पर किसान द्वारा पंजीयन में उपलब्ध कराये गए बैंक खाते में भुगतान किया जा सकेगा। किसान पंजीयन के समय किसान को बैंक खाता नंबर और IFSC कोड की जानकारी उपलब्ध करानी होगी। अक्रियाशील बैंक खाते, संयुक्त बैंक खाते एवं फिनो, एयरटेल, पेटीएम, बैंक खाते पंजीयन में मान्य नहीं होंगे। पंजीयन व्यवस्था में बेहतर सेवा प्राप्त करने के लिए यह जरूरी होगा कि किसान अपने आधार नंबर से बैंक खाता और मोबाइल नंबर को लिंक कराकर उसे अपडेट रखें।
खरीद प्रक्रिया और निगरानी – 24 अक्टूबर से शुरू हो रही खरीदी में नीलामी इस प्रक्रिया समय पर साथ ही पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में की जाएगी। खरीदी केंद्र पर एफएक्यू (फेयर एवरेज क्वालिटी) सैंपल रखा जाएगा और प्रतिदिन उपज का रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा मंडी स्तर पर समितियों को सक्रिय किया जाएगा और गुणवत्ता जांच किया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा। खरीदने से पहले जिले में भंडारित सोयाबीन की जानकारी संधारित की जाएगी। आवक पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु – जिले में 2 अक्टूबर को आयोजित ग्राम सभा में भावांतर योजना की जानकारी सचिव द्वारा ग्रामीण जनों को दी गई है। 3 अक्टूबर, 2025 को सभी कृषि उपज मंडियों में होर्डिंग्स एवं पंजीयन केंद्र पर बैनर के माध्यम से योजना की जानकारी दी जाएगी। विगत रबी एवं खरीफ के पंजीयन में जिन किसानों के मोबाइल नंबर उपलब्ध हैं, उन्हें एसएमएस से पंजीयन की अनिवार्यता एवं अंतिम तिथि के बारे में सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं। गांव में डोंडी पिटवा के ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर पंजीयन सूचना प्रदर्शित कराने तथा समिति/ मंडी स्तर पर बैनर लगवाने के निर्देश भी दिये गये हैं। किसान पंजीयन की सभी प्रक्रियाएँ समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये गये हैं। प्रत्येक कृषि उपज मंडी स्तर पर भारसाधक अधिकारी एवं मंडी सचिव द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधि, किसान संगठन और व्यापारियों के साथ परिचर्चा की जायेगी। सभी मंडियों में 15 अक्टूबर, तक भावांतर सहायता डेस्क स्थापित किये जायेंगे। प्रत्येक मंडी के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति, योजना के दुरुपयोग को रोकने के लिए व्यापारी के स्टॉक की उपलब्ध रियल टाइम जानकारी का समय-समय पर सत्यापन, मॉडल रेट की सतत निगरानी जिससे कि अनावश्यक गिरावट न हो और भावांतर योजना के तहत खरीदे गए सोयाबीन का भुगतान बैंक खातों में सुनिश्चित किया जायेगा।
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