सिवनी जम्बो सीताफल को मिलेगा जीआई टैग
27 मार्च 2025, सिवनी: सिवनी जम्बो सीताफल को मिलेगा जीआई टैग – सिवनी जिले का प्रसिद्ध जम्बो सीताफल अब जल्द ही GI (Geographical Indication) टैग प्राप्त करने वाला है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो जिले के इस अद्वितीय फल की पहचान को वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ करेगा। GI टैग के मिलने से सिवनी के इस विशेष सीताफल की मार्केटिंग और बिक्री में वृद्धि हो सकती है और जिले के सीताफल उत्पादक किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन के मार्गदर्शन एवं सहायक संचालक उद्यान सिवनी डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार के निर्देशन में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा GI टैग प्राप्त करने के लिए आवेदन किया गया था, जिस पर भोपाल में महानियंत्रक (पेटेंट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क) एवं रजिस्ट्रार (भौगोलिक संकेत) की अध्यक्षता में जी आई रजिस्ट्री चैन्नई द्वारा जी आई की सुनवाई (हियरिंग) रखी गई । इस सुनवाई में जिले से सहायक संचालक उद्यान सिवनी डॉ. आशा उपवंशी-वासेवार के नेतृत्व में आवेदक किसान उत्पादक संगठन (FPO) भूतबंधानी सीताफल क्रॉप प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के प्रतिनिधि श्री सदम सिंह बरकडे एवं श्री राजकुमार भलावी ने भाग लिया एवं सिवनी जम्बो सीताफल की विशिष्टता तथा इसकी महत्ता के बारे में अपनी बात रखी । GI टैग मिलने से सिवनी जिले के सीताफल के उत्पादन और विपणन में नई दिशा मिलेगी, जिससे स्थानीय सीताफल उत्पादक किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है, साथ ही यह सीताफल देशभर और विदेशों में अपनी विशेष पहचान बनाने में भी सक्षम होगा।
सिवनी जम्बो सीताफल की विशेषताएं – सिवनी जम्बो सीताफल अपने बड़े आकार, विशिष्ट स्वाद और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का सीताफल अन्य स्थानों पर पाए जाने वाले सीताफलों से कहीं अधिक बड़ा और अधिक मीठा होता है।जिले का सीताफल 400 ग्राम से कोई-कोई सीताफल 1 कि.ग्रा. तक भी होता है। दूसरे जिले का सीताफल जहां 100 से 150 ग्राम का होता है सिवनी जिले का सबसे छोटा सीताफल भी 200 ग्राम से ज्यादा वजन का ही होता है। सिवनी जिले के सीताफल का स्वाद सबसे हटके और बहुत मीठा होता है। सिवनी जिले का सीताफल प्राकृतिक रूप से पैदावार होने के कारण पूर्णतः जैविक होता है, किसी भी प्रकार का खाद, उर्वरक का उपयोग नही किया जाता है। सिवनी जिले के सीताफल में पल्प अधिक मात्रा में निकलता है। सिवनी जम्बो सीताफल जीआई टैग प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।
उपर्युक्त विशेषताओं के कारण यह अन्य स्थानों के सीताफल से अलग और विशेष पहचान बना रहा है। सिवनी जिले के सीताफल को जिए टैग मिलने से सीताफल उत्पादकों के सीताफल की एक खास पहचान बनेगी जिससे बाजार में इसकी मांग बढ़ सकती है, कीमत में वृद्धि होने से किसानों की आय में भी वृद्धि होगी, स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ-साथ निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे।
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