राजस्थान का सरस मेला: ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम
23 दिसंबर 2024, जयपुर: राजस्थान का सरस मेला: ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम – कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोडी लाल मीणा ने रविवार को जवाहर कला केंद्र, जयपुर में आयोजित सरस राजसखी मेला 2024 का अवलोकन किया। इस मेले का आयोजन राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा किया गया है, और इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके हस्तनिर्मित उत्पादों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराना है।
सरस मेले में देशभर से आई ग्रामीण महिलाओं ने अपने हाथों से निर्मित शोपीस, हैंडलूम, शिल्पकला, एंब्रॉयडरी, जैविक उत्पाद और खाने-पीने के सामान के स्टॉल लगाए हैं। इस मेले में 250 से अधिक जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) वाले उत्पादों की करीब 400 स्टॉल्स लगी हैं। डॉ. मीणा ने सभी स्टॉल्स का दौरा किया और महिलाओं के उत्पादों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस मेले में विभिन्न राज्यों से आए स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं एक मंच पर अपने पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित कर रही हैं, जो भारतीय कला और संस्कृति के लिए अहम हैं।
इस दौरान, उन्होंने बताया कि सरस मेले के माध्यम से राजीविका दीदियों को पैकेजिंग, ब्रांडिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग और वित्तीय प्रबंधन जैसी कार्यशालाओं का भी लाभ मिल रहा है। यह पहल उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने का एक अहम अवसर देती है। डॉ. मीणा ने कहा, “इन मेलों का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक सशक्तिकरण ही नहीं, बल्कि महिलाओं को अपने उत्पादों के लिए एक बड़ा बाजार और पहचान भी प्रदान करना है।”
मेले में नेशनल क्रेडिट कोर के 70 कैडेट्स ने भी हिस्सा लिया और विभिन्न स्टॉल्स का अवलोकन किया। इसके साथ ही अजमेर और अलवर जिले से आई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भी मेले का दौरा किया और भविष्य में अपने उत्पादों के साथ मेले में सहभागिता की इच्छा जताई।
सरस राजसखी मेला एक अद्वितीय मंच है, जहां महिलाएं न केवल अपने उत्पादों का विक्रय कर रही हैं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रख रही हैं। प्रत्येक राज्य का सांस्कृतिक मंडप अपने पारंपरिक उत्पादों और हस्तशिल्प का प्रदर्शन कर रहा है। इस मेला में लगभग 300 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रही हैं।
इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि उन्हें उनके कामकाजी कौशल के लिए पहचान दिलाना और देश की सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना भी है। सरस मेला एक ऐसा आयोजन है जो महिला सशक्तिकरण, आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक समावेशिता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: