राजस्थान में निजी मंडियों की समीक्षा, निदेशक ने किसानों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
20 अगस्त 2025, जयपुर: राजस्थान में निजी मंडियों की समीक्षा, निदेशक ने किसानों को बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश – राज्य में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने और निजी मंडियों के संचालन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से कृषि विपणन निदेशक राजेश कुमार चौहान ने मंगलवार को पंत कृषि भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में निजी मंडी यार्ड प्रवर्तकों एवं कृषि उपज मंडी समिति के सचिवों ने भाग लिया।
बैठक में निदेशक ने निजी मंडियों में उपलब्ध सुविधाओं, व्यापार की स्थिति, निर्माण कार्य की प्रगति तथा किसानों को दी जा रही सेवाओं की समीक्षा की। उन्होंने मंडी यार्ड प्रवर्तकों को निर्देश दिए कि जिन मंडियों में निर्माण कार्य अधूरा है, वहां शीघ्रता से कार्य पूर्ण कर व्यापार प्रारंभ किया जाए, ताकि किसानों को फसल के क्रय-विक्रय में सुविधा हो और उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिल सके।
मंडी प्रवर्तकों की मांगें
बैठक के दौरान निजी मंडी प्रवर्तकों ने मंडी शुल्क में हिस्सेदारी बढ़ाए जाने और समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की खरीद में आढ़त (कमीशन) दिलवाए जाने की मांग की। इन मांगों को ध्यानपूर्वक सुनते हुए निदेशक कृषि विपणन निदेशक ने कहा कि इन बिंदुओं पर सकारात्मक विचार किया जाएगा और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
पारदर्शिता पर जोर
निदेशक ने मंडी सचिवों को 15 दिनों के भीतर निजी मंडी यार्ड प्रवर्तकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि निजी मंडियों में पारदर्शिता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि मंडी शुल्क चोरी जैसी गतिविधियों पर सख्ती से निगरानी रखी जाए और ऐसी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तिमाही समीक्षा बैठकें
निदेशक ने यह भी घोषणा की कि निजी मंडियों की कार्यप्रणाली की तिमाही समीक्षा बैठकें अब नियमित रूप से निदेशालय स्तर पर आयोजित की जाएंगी। इसका उद्देश्य है कि निजी मंडियों की कार्यशैली में पारदर्शिता, जवाबदेही और किसान हितों की रक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।
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