बाढ़ पीड़ित किसानों को राहत, महाराष्ट्र सरकार देगी 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा
27 सितम्बर 2025, भोपाल: बाढ़ पीड़ित किसानों को राहत, महाराष्ट्र सरकार देगी 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा – महाराष्ट्र में हाल ही में हुई भीषण बारिश और बाढ़ ने कई जिलों में भारी तबाही मचाई है। मराठवाड़ा समेत राज्य के कई हिस्सों में खेत जलमग्न हो गए हैं, जिससे लाखों किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। हजारों पशु मारे गए और कई मकान ढह गए। इस आपदा के बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा राहत पैकेज जारी करते हुए बाढ़ प्रभावित किसानों और नागरिकों के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है।
राज्य सरकार ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ और भारी बारिश के कारण नष्ट हो गई हैं, उन्हें फसल के प्रकार के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। वर्षा आधारित फसलों के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसलों के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और बारहमासी फसलों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जाएगी। इसके अलावा जिन खेतों की मिट्टी बह गई है या जो खेत पूरी तरह अनुपयोगी हो चुके हैं, उनके लिए 5,000 से लेकर 47,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक मुआवजा दिया जाएगा।
पशुधन हानि पर भी मुआवजा मिलेगा
सरकार ने पशुपालकों को भी राहत दी है। बाढ़ में मारे गए पशुओं के लिए तय मुआवजा दर इस प्रकार है:
– प्रति दुधारू पशु: 37,500 रुपये
– भारवाही नस्ल की गाय: 32,000 रुपये प्रति पशु
– छोटे पशु (बकरी, भेड़, सूअर आदि): 4,000 रुपये प्रति पशु (अधिकतम 30 पशुओं तक)
– मुर्गियों के लिए: 100 रुपये प्रति पक्षी, जिसकी अधिकतम सीमा 10,000 रुपये प्रति परिवार तय की गई है।
एक परिवार को अधिकतम तीन बड़े पशु और 30 छोटे पशुओं के नुकसान पर मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा, बाढ़ में बह गई या क्षतिग्रस्त पशुशालाओं की मरम्मत के लिए 3,000 रुपये तक की सहायता भी प्रदान की जाएगी।
घर के नुकसान पर भी आर्थिक मदद
-जिन लोगों के घर बाढ़ में पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें सरकार द्वारा सीधे आर्थिक सहायता दी जाएगी।
– झोपड़ी पूरी तरह ढहने पर: 8,000 रुपये
– पक्के मकान के पूरी तरह नष्ट होने पर: 12,000 रुपये
– आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए अलग से मूल्यांकन कर सहायता दी जाएगी।
50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि हुई तबाह
राज्य सरकार के अनुसार, सितंबर महीने में अब तक 31 जिलों में भारी बारिश हुई है और 50 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। खासकर मराठवाड़ा, विदर्भ और पश्चिमी महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में भारी क्षति हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 30,000 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। बाढ़ के कारण कम से कम 9 लोगों की जान भी जा चुकी है।
इन हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य आपदा राहत कोष से 2,215 करोड़ रुपये की राशि राहत के रूप में जारी की है। इसके साथ ही केंद्र सरकार से भी अतिरिक्त सहायता की मांग की गई है।
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