अमानक खाद के खिलाफ राजस्थान अभियान से किसानों को फायदा, बोले केंद्रीय मंत्री चौहान
19 सितम्बर 2025, जयपुर: अमानक खाद के खिलाफ राजस्थान अभियान से किसानों को फायदा, बोले केंद्रीय मंत्री चौहान – नई दिल्ली में मंगलवार को आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन–रबी अभियान–2025 के समापन के दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में अमानक खाद, पेस्टिसाइड और बीजों के खिलाफ चलाए गए अभियान की सफलता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस अभियान से राजस्थान के किसानों को काफी लाभ पहुंचा है। साथ ही, सम्मेलन में डॉ. मीणा द्वारा दिए गए सुझावों पर केंद्र सरकार अमल करेगी।
रीसायकल वाटर और लैब टू लैंड अभियान पर जोर
डॉ. किरोड़ी लाल ने महाराष्ट्र सरकार के रीसायकल वाटर के 85 प्रतिशत हिस्से को सिंचाई के लिए किसानों को देने वाले प्रावधान का उदाहरण दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह का कानून सभी राज्यों में लागू हो, ताकि रीसायकल वाटर का 85 प्रतिशत तक खेती में इस्तेमाल हो सके। डॉ. मीणा ने सम्मेलन को ऐतिहासिक बताया, जहां ‘वन नेशन, वन एग्रीकल्चर, वन टीम’ पर चर्चा हुई।
उन्होंने केंद्र सरकार के खरीफ कृषि विकसित संकल्प अभियान का भी उल्लेख किया, उन्होंने कहा इससे किसानों को लाभ हुआ और रबी फसल से पहले भी ऐसा ही अभियान चलाया जाएगा।
जांच और सख्त कार्रवाई की मांग
राजस्थान के कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में पेस्टिसाइड, बीज और उर्वरकों की बड़े पैमाने पर जांच हुई, जिसमें विनिर्माण कंपनियों की खामियां सामने आईं। इसी तरह पंजाब और हरियाणा में भी जांच के बाद लाइसेंस रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई की गई, जिससे इन वस्तुओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ। उन्होंने कहा कि उर्वरक आदानों में मिलावट किसानों और देश के साथ धोखा है, जो स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रही है। ऐसे मामलों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की जरूरत है, ताकि किसानों की आय बढ़े और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो। उनका प्रमुख लक्ष्य किसानों को उत्तम बीज, खाद और पेस्टिसाइड उपलब्ध कराना है।
डॉ. मीणा ने व्यापारियों द्वारा उर्वरकों पर स्टॉकिंग (भंडारण) को रोकने पर भी बल दिया, जो अतिरिक्त लाभ के लिए किया जा रहा है। उन्होंने राज्यों के गैप एनालिसिस पर आधारित स्टडी कर अनुसंधान बजट को दोगुना करने का सुझाव दिया। राजस्थान बाजरा, जीरा, धनिया और अजवाइन उत्पादन में अग्रणी है। लैब टू लैंड अभियान में वैज्ञानिकों से उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की जानकारी किसानों तक पहुंचाने को कहा। उन्होंने जोड़ा कि राज्य में जिप्सम, रॉक फॉस्फेट की उपलब्धता और पशुधन की अधिकता के कारण राजस्थान भारत का ऑर्गेनिक हब बन सकता है।
सम्मेलन के बाद ये सुझाव केंद्र और राज्य स्तर पर नीतिगत बदलावों का आधार बन सकते हैं, हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अमल के लिए मॉनिटरिंग तंत्र मजबूत करने की जरूरत होगी।
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