राजस्थान: बूंदी जिले के 600 किसानों को मुफ्त जिप्सम मिट्टी की उर्वरता सुधारने पर ज़ोर
25 नवंबर 2024, बूंदी: राजस्थान: बूंदी जिले के 600 किसानों को मुफ्त जिप्सम मिट्टी की उर्वरता सुधारने पर ज़ोर – राजस्थान सरकार के भूमि सुधार कार्यक्रम के तहत बूंदी जिले के 600 किसानों को निशुल्क जिप्सम वितरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बजट घोषणा के अंतर्गत इस योजना का उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता में सुधार करना और किसानों की फसल उत्पादन क्षमता बढ़ाना है।
कैसे मिलेगा निशुल्क जिप्सम?
भूमि सुधार कार्यक्रम के तहत, वर्ष 2024-25 में किसानों को उनकी मिट्टी जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिकतम 0.5 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 1.5 मैट्रिक टन तक जिप्सम मुफ्त दिया जाएगा। किसान अपने खेत की मिट्टी का नमूना क्षेत्रीय कृषि पर्यवेक्षक को मात्र 5 रुपये शुल्क देकर जमा कर सकते हैं।
जिप्सम की मांग कैसे करें?
मिट्टी जांच रिपोर्ट में सिफारिश मिलने के बाद किसान ‘राज किसान साथी-सुविधा‘ ऐप के जरिए अपनी जिप्सम की मांग ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं। इसके बाद विभागीय प्रक्रिया के तहत जिप्सम की आपूर्ति संबंधित आपूर्तिकर्ता द्वारा की जाएगी और यह केवीएसएस या जीएसएस के माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
दलहन योजना में सब्सिडी पर भी जिप्सम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (दलहन) योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 250 किलो (5 बैग) जिप्सम 50% सब्सिडी पर दिया जाएगा। इसकी कुल कीमत 3650 रुपये प्रति मैट्रिक टन है, जिसमें से किसान को केवल 1825 रुपये प्रति मैट्रिक टन भुगतान करना होगा। इस योजना में एक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर तक का लाभ दिया जा सकता है।
जिले के लिए इस योजना के तहत 200 मैट्रिक टन जिप्सम का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सब्सिडी पर जिप्सम भी ‘राज किसान साथी’ ऐप के माध्यम से ही ऑनलाइन बुक किया जा सकता है।
क्यों जरूरी है जिप्सम?
जिप्सम न केवल मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है, बल्कि यह दलहनी फसलों की जड़ों में गांठों के विकास, प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने और फसल की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है। इसके उपयोग से कीटों और बीमारियों का प्रकोप कम होता है, जिससे फसल का उत्पादन बेहतर होता है।
किसानों को जिप्सम “पहले आओ, पहले पाओ” आधार पर वितरित किया जाएगा। इच्छुक किसान अधिक जानकारी के लिए नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क कर सकते हैं।
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