राजस्थान: मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना की अवधि बढ़ी, किसान अब 30 सितम्बर तक जमा कर सकेंगे राशि
27 सितम्बर 2025, भोपाल: राजस्थान: मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना की अवधि बढ़ी, किसान अब 30 सितम्बर तक जमा कर सकेंगे राशि – राजस्थान सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत योजना 2025-26 (एकमुश्त समझौता योजना) अब 30 सितम्बर 2025 तक प्रभावी रहेगी। यह योजना किसानों और ऋणी सदस्यों को राहत देने के उद्देश्य से लागू की गई है।
जिला सहकारी भूमि विकास बैंक लि. डूंगरपुर में इस योजना के अंतर्गत कुल 405 पात्र ऋणी सदस्य शामिल हैं। इनमें से अब तक केवल 70 ऋणी सदस्यों ने योजना का पूर्ण लाभ उठाकर अपने ऋण का निपटान कर लिया है। वहीं, 165 ऋणी सदस्यों ने योजना का आंशिक लाभ लेते हुए कुछ राशि जमा करवाई है, लेकिन अब भी उनकी 75 प्रतिशत राशि बकाया है। बैंक द्वारा इन्हें यह अवसर दिया गया है कि वे 30 सितम्बर 2025 से पूर्व अपनी शेष बकाया राशि बैंक में जमा कर योजना का पूरा लाभ प्राप्त करें।
बैंक के सचिव राजकुमार खाण्ड्या ने इन 165 आंशिक ऋणी सदस्यों से विशेष आग्रह किया है कि वे समय रहते बकाया राशि का भुगतान कर योजना का लाभ प्राप्त करें, क्योंकि यह योजना 30 सितम्बर 2025 के बाद समाप्त हो जाएगी।
सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि तय तिथि तक बकाया राशि जमा नहीं करवाई जाती है, तो योजना का लाभ समाप्त हो जाएगा और बकाया ऋण वसूली हेतु राजस्थान सहकारी अधिनियम 2001 के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें कुर्की और नीलामी जैसी प्रक्रिया भी शामिल है।
इसलिए सचिव ने सभी पात्र और आंशिक ऋणी किसानों से अपील की है कि वे कुर्की व नीलामी जैसी सख्त कार्यवाही से बचने के लिए 30 सितम्बर 2025 से पूर्व ही अपनी शेष राशि जमा करवाकर न सिर्फ योजना का लाभ लें, बल्कि अपने पुराने ऋण से पूरी तरह मुक्ति भी प्राप्त करें।
आपने उपरोक्त समाचार कृषक जगत वेबसाइट पर पढ़ा: हमसे जुड़ें
> नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, व्हाट्सएप्प
> कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें
> कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: E-Paper
> कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: Global Agriculture