राजस्थान: चूरू जिले में लगेंगे 8190 सौर ऊर्जा पंप, किसानों को मिलेगा 60% अनुदान
24 अगस्त 2024, चूरू: राजस्थान: चूरू जिले में लगेंगे 8190 सौर ऊर्जा पंप, किसानों को मिलेगा 60% अनुदान – राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में चूरू जिले के किसानों को सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाने के लिए एक बड़ा अवसर मिल रहा है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) के तहत जिले में 8190 सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाए जाएंगे। इस योजना के तहत किसानों को 60% तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है, जिससे उन्हें बिजली कटौती और कृषि कनेक्शन में देरी की समस्याओं से निजात मिलेगी।
योजना के तहत, किसानों को 3, 5 और 7.5 हॉर्स पावर क्षमता के सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाने पर 60% अनुदान दिया जा रहा है, जिसमें 30% अनुदान केंद्र सरकार और 30% राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को राज्य मद से अतिरिक्त 45,000 रुपये प्रति पंप का अनुदान मिलेगा।
किसान अपने हिस्से की 40% राशि का 30% तक बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। सौर ऊर्जा पंप संयंत्र की स्थापना के लिए केवल भारत सरकार द्वारा सूचीबद्ध फर्मों का चयन करना आवश्यक होगा, और अनुदान केवल उन्हीं फर्मों द्वारा स्थापित संयंत्रों पर मिलेगा।
योजना के तहत, एक लाख सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें सर्वाधिक 15,000 संयंत्र जयपुर, 13,000 श्रीगंगानगर, 8,190 चूरू, और 7,000-7,000 हनुमानगढ़ एवं बीकानेर जिलों को आवंटित किए गए हैं।
आवेदन की प्रक्रिया एवं स्वीकृत
सौर ऊर्जा पंप संयंत्र के लिए कृषकों द्वारा राजकिसान साथी पोर्टल पर ई-मित्र या स्वयं की एसएसओ आईडी से आवेदन किया जा सकता है। पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की ऑनलाइन छंटनी जिला कार्यालयों द्वारा की जाएगी एवं तकनीकी सर्वे के लिए आवेदन संबधित फर्म को भेजा जाएगा। फर्म द्वारा कृषक के जलस्रोत का तकनीकी सर्वे कर सर्वे रिपोर्ट एवं संयंत्र का कोटेशन पोर्टल पर अंकित कर उद्यान विभाग के जिला कार्यालय को ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाएगा। जिला कार्यालय द्वारा कृषक की ऑनलाइन प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी। स्वीकृति जारी होने के बाद कृषक द्वारा उसके हिस्से की 40 प्रतिशत राशि राजकिसान साथी पोर्टल पर दिए गए लिंक के माध्यम से ई-मित्र अथवा ईसीएस/डीडी के माध्यम से जिला हॉर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। राशि जमा होने के बाद जिला उद्यान कार्यालय द्वारा ऑनलाइन कार्यादेश जारी किया जाएगा। फर्म द्वारा सोलर पंप संयंत्र स्थापित कर पंप का विस्तृत विवरण राजकिसान साथी पोर्टल पर डाला जाएगा। संयंत्र का बिल जारी कर स्केन किया जाएगा, साथ ही फर्म द्वारा संयंत्र का बीमा कराया जाएगा, जिसकी प्रति ऑनलाइन पोर्टल पर स्केन की जाएगी। जिला हॉर्टीकल्चर डवलपमेंट सोसायटी स्तर से संयंत्र स्थापना के 7 दिन में संयंत्र का निर्धारित मोबाइल एप से भौतिक सत्यापन किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन से पहले कृषक सुनिश्चित करें कि उनके पास जनाधार कार्ड, भूमि की जमाबंदी या पासबुक की प्रतिलिपि (भू-स्वामित्व), सिंचाई जल स्रोत उपलब्धता एवं विद्युत कनेक्शन नहीं होने की शपथ ऑनलाइन स्वघोषित उपलब्ध है।
योजना की पात्रता
योजना में यथासम्भव लघु एवं सीमान्त कृषकों को प्राथमिकता दी जाएगी। कृषक के पास न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर भूमि का भू-स्वामित्व होना आवश्यक है। अधिसूचित अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के जनजाति कृषकों के पास 3 व 5 एचपी क्षमता के पंप संयंत्र के लिए 0.2 हैक्टेयर भूमि का स्वामित्व होना आवश्यक है। विद्युत कनेक्शन विहीन कृषक जिनके भू-स्वामित्व में सिंचाई हेतु जल संग्रहण ढांचा, डिग्गी, फार्म पौण्ड एवं जलहौज निर्मित हों, उन्हें शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। कृषक द्वारा जल स्रोत उपलब्ध होने एवं डीजल चलित संयंत्र से सिंचाई करने का स्व-घोषित शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया जाएगा। पात्र कृषक द्वारा कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई हेतु ड्रिप मिनी स्प्रिंकलर माइक्रो स्प्रिंकलर संयंत्र उपयोग में लेना आवश्यक है। लाभान्वित कृषकों की सूची उद्यान विभाग द्वारा विद्युत विभाग को भेजी जाएगी। जिन कृषकों के पास पहले से कृषि विद्युत कनेक्शन है या सौर ऊर्जा पंप संयंत्र परियोजना के अंतर्गत पहले अनुदान प्राप्त कर लिया है, वे इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे। पीएम कुसुम-कंपोनेंट-बी योजना भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तत्वावधान में राज्य सरकार के उद्यान विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।
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