राज्य कृषि समाचार (State News)

रायपुर : सिंचाई प्रबंधन जलसंसाधन विभाग की जिम्मेदारी: मंत्री श्री रविन्द्र चौबे

छत्तीसगढ़  में सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के निर्देश

9 जुलाई 2022, रायपुर: रायपुर : सिंचाई प्रबंधन जलसंसाधन विभाग की जिम्मेदारी: मंत्री श्री रविन्द्र चौबे – कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने नवा रायपुर, अटल नगर स्थित शिवनाथ भवन में जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की प्रगति की गहन समीक्षा की। मंत्री श्री चौबे ने कहा कि राज्य में सिंचाई और पीने के लिए जल का प्रबंधन जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को सिंचाई परियोजनाओं की रूपांकित सिंचाई क्षमता के अनुरूप जलापूर्ति के लायक बनाने के साथ-साथ नवीन कार्यों को समय-सीमा में पूरा कराने को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिंचाई अथवा पेयजल की आपूर्ति के दौरान जल का अपव्यय कम से कम हो, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाने और उसे अमल में लाने की जरूरत है। बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संयुक्त सचिव श्री जे.पी. पाठक, प्रमुख अभियंता जल संसाधन श्री इंद्रजीत उइके, सिंचाई परियोजना के मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं जल संसाधन संभागों के कार्यपालन  अभियंतागण उपस्थित थे।

मंत्री श्री चौबे ने डेम और जलाशयों से नगरीय क्षेत्रों में पाईप लाईन के माध्यम से जलापूर्ति करने हेतु जल संसाधन विभाग और नगरीय निकाय को मिलकर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर- नल से जल पहुंचाने के लिए पेयजल सप्लाई सिस्टम को भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्लान करने की जरूरत है। नदियों में नाले के गंदे पानी को मिलने से रोकने के लिए भी उन्होंने अधिकारियों को  आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। मंत्री श्री चौबे ने कहा कि नदियों को स्वच्छ और सुरक्षित रखने का कानून है। इसका  कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

Advertisement
Advertisement

बैठक में बीते दो सालों में खरीफ एवं रबी सीजन में सिंचाई परियोजनाओं से वास्तविक सिंचाई की स्थिति की भी गहन समीक्षा की गई। मंत्री श्री चौबे ने अधिकारियों को विभाग की सभी बड़ी, मध्यम और छोटी परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई  रकबे की रिपोर्टिंग पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीते तीन सालों में राज्य में बड़ी संख्या में सिंचाई परियोजनाओं की क्षमता में वृद्धि, नहर लाईनिंग एवं जीर्णोंद्धार के कार्य कराए गए हैं। रूपांकित सिंचाई एवं वास्तविक सिंचाई के गेप को हरहाल में कम से कमतर किया जाना है।

मंत्री श्री चौबे ने विभागीय कार्य यथा- नहर निर्माण, लायनिंग, काडा नाली, स्टाप डेम निर्माण तथा इनके मरम्मत कार्यों को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना, डी.एम.एफ. तथा विभागीय मद के कन्वर्जेंस से ज्यादा से ज्यादा कार्य कराने के लिये कार्य योजना तैयार कर जिला प्रशासन से स्वीकृति प्राप्त करने के निर्देश दिये। इस दिशा में जल संसाधन संभाग कवर्धा तथा बस्तर द्वारा किये गये कार्यों के लिये संबंधित अधिकारियों को बधाई भी दी।
बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. ने अधिकारियों को बजट में शामिल सिंचाई योजना का प्राक्कलन तत्परता से तैयार कर भिजवाने, भू-अर्जन एवं वन भूमि के कारण लंबित मामलों का तेजी से निराकरण करने, ऐसी परियोजनाएं जिनके गेट एवं हेड वर्क की मरम्मत की आवश्यकता हो, तत्काल पूरा कराने की निर्देश दिए। विधानसभा प्रश्नों का समय-सीमा में उत्तर भिजवाने के साथ ही मुख्यमंत्री  की घोषणाएं का तेजी से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।  

Advertisement8
Advertisement

भू-जल नियमन समिति का होगा गठन- बैठक में सचिव श्री अन्बलगन पी. ने कहा कि राज्य में भू-जल के अनियंत्रित दोहन पर निगरानी के लिए जिला स्तर पर भू-जल नियमन समितियां गठित की जाएगी। भू-जल नियमन मसौदा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में जितने में बोरवेल चाहे वह सिंचाई, पेयजल अथवा व्यवसायिक उपयोग के लिए स्थापित है, उन्हें सूचीबद्ध किया जाना है। उन्होंने कहा कि इसके तहत जल का व्यवसायिक उपयोग कर लाभ अर्जित करने वाले लोगों से निर्धारित शुल्क भी लिया जाना प्रस्तावित किया जाएगा।

Advertisement8
Advertisement

महत्वपूर्ण खबर: घनजीवामृत (सूखी खाद) बनाने की विधि

Advertisements
Advertisement5
Advertisement