पंजाब सरकार ने खरीफ 2024-25 के लिए कस्टम मिलिंग पॉलिसी को दी मंजूरी, धान की खरीद और मिलिंग प्रक्रिया होगी ऑनलाइन
09 अक्टूबर 2024, चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने खरीफ 2024-25 के लिए कस्टम मिलिंग पॉलिसी को दी मंजूरी, धान की खरीद और मिलिंग प्रक्रिया होगी ऑनलाइन – पंजाब कैबिनेट ने मंगलवार को खरीफ 2024-25 के लिए कस्टम मिलिंग पॉलिसी को मंजूरी दी। इस पॉलिसी के तहत राज्य की प्रोक्योरमेंट एजेंसियों (पंजग्रेन, मार्कफेड, पंसुप और पीएसडब्ल्यूसी) द्वारा खरीदे गए धान को कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) में बदलकर केंद्रीय पूल में भेजा जाएगा।
यह निर्णय मुख्यमंत्री के सरकारी निवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। मुख्य सचिव कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024-25 का आरंभ 1 अक्टूबर 2024 से होगा और धान की खरीद 30 नवंबर 2024 तक पूरी कर ली जाएगी। पॉलिसी के अनुसार, धान को राज्य के मान्यताप्राप्त चावल मिलों में संग्रहीत किया जाएगा। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों का विभाग हर साल यह नीति जारी करता है ताकि राज्य एजेंसियों द्वारा खरीदे गए धान को समय पर मिल्ड किया जा सके।
पॉलिसी के तहत, धान की मिलों को समय पर मंडियों से जोड़ा जाएगा और पॉलिसी में राइस मिलर्स को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वचालित रूप से धान आवंटित किया जाएगा। यह मिलिंग प्रक्रिया 31 मार्च 2025 तक पूरी की जाएगी।
उद्योगों के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस फीस में कटौती
उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कैबिनेट ने पर्यावरण क्लीयरेंस की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए नई स्लैब संरचना लागू की है। अब 5 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं पर 25,000 रुपये, जबकि 1000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर अधिकतम 75 लाख रुपये की एकमुश्त फीस निर्धारित की गई है। इससे राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रिया में लगने वाला समय भी कम होगा।
बांधों की सुरक्षा के लिए 281 करोड़ की परियोजना मंजूर
कैबिनेट ने राज्य के बांधों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 281 करोड़ रुपये की ‘डैम पुनर्वास और सुधार परियोजना’ को मंजूरी दी है। इस परियोजना का उद्देश्य विश्व बैंक के सहयोग से राज्य के बांधों की मजबूती और पुनर्वास करना है। कुल लागत का 70% (196.7 करोड़ रुपये) ऋण के रूप में और शेष 30% (84.3 करोड़ रुपये) राज्य सरकार के बजट से वहन किया जाएगा।
कृषि सुधारों के तहत किसानों को मालिकाना हक के लिए नियम मंजूर
पंजाब कैबिनेट ने पंजाब भोंडे़दार, बुटेमार, दोहलिदार, इन्सार, मियादी, मकरारिदार, और अन्य किसानों को मालिकाना हक प्रदान करने वाले नियमों को मंजूरी दी। इन नियमों के तहत उन छोटे किसानों को सशक्त किया जाएगा जो कई वर्षों से जमीन पर खेती कर रहे हैं, लेकिन उनके नाम जमीन के मालिकाना हक नहीं हैं। इससे उन्हें बैंक ऋण और आपदा राहत प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
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