राजस्थान में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, किसानों को 50 हजार का अनुदान
31 अगस्त 2024, भोपाल: राजस्थान में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, किसानों को 50 हजार का अनुदान – आधुनिक युग में रासायनिक खादों के अंधाधुंध प्रयोग से मृदा की उर्वरता में कमी आ रही है और पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा वर्मी कंपोस्ट इकाई निर्माण की शुरुआत की गई है। इससे मृदा की जैविक व भौतिक स्थिति में सुधार लाया जा सकेगा। जिससे मृदा की उर्वरता एवं पर्यावरण संतुलन बना रहेगा। वर्मी कंपोस्ट, जिसे वर्मीकल्चर के माध्यम से तैयार किया जाता है, मृदा की जैविक और भौतिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है। इसमें earthworms (कृमि) का उपयोग कर मृदा में जैविक पदार्थों को विघटित किया जाता है, जिससे मृदा की उर्वरता बढ़ती है और उसकी संरचना में सुधार होता है। यह प्राकृतिक उर्वरक मृदा को समृद्ध करता है और पर्यावरण को भी सहेजता है, क्योंकि इसमें रासायनिक तत्वों की मात्रा कम होती है। इस पहल के माध्यम से न केवल मृदा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि यह किसानों की लागत भी कम कर सकता है और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में सहायक होगा।
जैविक खेती की ओर किसानों को प्रोत्साहित करने से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा होती है, बल्कि यह किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में मदद करता है। राज्य सरकार द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की नीतियों और योजनाओं के अंतर्गत किसानों को तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण, और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इससे किसान जैविक खेती के लाभ को समझकर अपने कृषि तरीकों में बदलाव कर सकते हैं, जिससे उन्हें दीर्घकालिक लाभ होता है और उनकी आय में वृद्धि होती है। आइये आपको जैविक खेती के लाभ बताते है –
जैविक खेती के लाभ:
- फसलों की वृद्धि: जैविक तरीके से खेती करने पर फसलों को संतुलित पोषण मिलता है, जिससे उनकी वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार होता है I
- कम लागत: जैविक खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के स्थान पर प्राकृतिक उपायों का उपयोग होता है, जिससे किसानों की लागत कम होती है।
- मृदा की उर्वरता में सुधार: जैविक खादों जैसे वर्मी कंपोस्ट, गोबर गैस, और हरी खाद से मृदा की जैविक सामग्री बढ़ती है, जिससे मृदा की उर्वरता और संरचना में सुधार होता है।
- पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा: जैविक खेती के माध्यम से रासायनिक प्रदूषण कम होता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र और जलीय जीवन की सुरक्षा होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: जैविक उत्पाद रसायनों से मुक्त होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं।
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