कृषि विज्ञान केंद्र की स्वर्ण जयंती पर किसानों को समर्पित कार्यक्रम: 50 वर्षों की सफलता का जश्न
22 अगस्त 2024, भोपाल: कृषि विज्ञान केंद्र की स्वर्ण जयंती पर किसानों को समर्पित कार्यक्रम: 50 वर्षों की सफलता का जश्न – 20 अगस्त 2024 को कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा (अ), दुर्ग जिले के पाटन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के निर्देशन में अपनी स्वर्ण जयंती के मौके पर किसानों के साथ 50 वर्षों की सफलता की गाथा साझा की। इस भव्य समारोह का शुभारंभ केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर विजय जैन ने मशाल प्रज्वलित कर किया।
डॉ. जैन ने केंद्र की अब तक की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले 7 वर्षों में क्षेत्रीय किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, आधुनिक खेती प्रणालियों और प्राकृतिक संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए प्रेरित किया गया है। उन्होंने बीजों और पशुपालन तकनीकों के संवर्धन के माध्यम से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और स्वालंबन की दिशा में प्रयास करने की महत्ता पर जोर दिया।
कृषि विज्ञान केंद्र पाहंदा ने मृदा परीक्षण, फसल उत्पादन, पशुपालन और बागवानी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। केंद्र ने अब तक 6000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षित किया है, जिससे उनकी कृषि उत्पादकता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर डॉ. जैन ने बताया कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित 731 कृषि विज्ञान केंद्रों ने 50 वर्षों की यह स्वर्णिम यात्रा तय की है। इन केंद्रों का उद्देश्य किसानों, ग्रामीण युवाओं और कृषि से जुड़े अन्य हितधारकों को नवीनतम कृषि तकनीकों, वैज्ञानिक ज्ञान और अनुसंधान परिणामों से अवगत कराना है। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों ने न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान किया है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि संबंधी जागरूकता भी बढ़ाई है।
समारोह में किसानों ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस आयोजन के अंत में सभी ने किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता की शपथ ली। यह आयोजन न केवल कृषि विज्ञान केंद्र की स्वर्णिम यात्रा का उत्सव था, बल्कि भारतीय कृषि के विकास में उनके भविष्य के योगदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी था।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: