राज्य कृषि समाचार (State News)

उद्यानिकी विभाग की नर्सरी समृद्ध बनें : कलेक्टर

किसानों को कृषि, उद्यानिकी, रेशम एवं पशु कल्याण योजनाओं का मिले लाभ

4 मई 2023, बैतूल उद्यानिकी विभाग की नर्सरी समृद्ध बनें : कलेक्टर – कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस ने गत दिवस कृषि, उद्यानिकी, रेशम, पशुपालन सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर इन विभागों के अंतर्गत संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक किसानों तक लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में मिलेट्स अनाज के अंतर्गत आने वाले कोदो-कुटकी, बाजरा, रागी, समां जैसी फसलों का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाया जाए। साथ ही जिले के सीमित क्षेत्र में उत्पादित हो रही स्वास्थ्यवद्र्धक एवं दलहनी फसल गडमल के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जाए एवं उत्पादन क्षेत्र बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी से जुड़े किसानों को उद्यानिकी योजनाओं का लाभ देने के साथ-साथ विभाग की पौधरोपणियों को भी समृद्ध बनाया जाए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री अभिलाष मिश्रा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं एफपीओ प्रतिनिधि मौजूद थे।

कलेक्टर ने रेशम उत्पादन के क्षेत्र में जिले में अच्छी संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि कृषि विभाग के कन्वर्जेंस से किसानों को मलवरी उत्पादन से जोडऩे के लिए परिणाममूलक प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी विभाग अंतर्गत फल एवं सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में विस्तार किए जाने की भी जरूरत है। बैठक में उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हर किसान को अपने खेत के एक छोटे हिस्से में कोदो-कुटकी, रागी, समां, बाजरा जैसी फसलों के उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

बैठक में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उपायों पर भी चर्चा की गई। कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि मक्का उत्पादन का क्षेत्र बढ़ाने के लिए भी जिले में कार्य किया जा रहा है। बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, रबी फसलों का क्षेत्राच्छादन, कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं, ग्रीष्मकालीन फसलों का बोया गया क्षेत्र, रबी उपार्जन की स्थिति की भी समीक्षा की गई।  पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान पशुओं के टीकाकरण, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम एवं कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य पूर्ति पर विभागीय स्थिति प्रस्तुत की गई। इस दौरान पशुधन बीमा के क्षेत्र में पशुपालकों को जागरूक करने एवं पशुओं का बीमा कराने के निर्देश दिए गए। गौशालाओं की स्थिति पर भी बैठक में चर्चा की गई।

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