राजस्थान में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, 40 क्लस्टरों में 5000 किसान होंगे प्रशिक्षित
06 अगस्त 2025, भोपाल: राजस्थान में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा, 40 क्लस्टरों में 5000 किसान होंगे प्रशिक्षित – राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मंगलवार को जिला स्तरीय कृषि समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने की। इसमें समिति के सभी सदस्य मौजूद रहे। बैठक में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और इसके प्रचार-प्रसार को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा कि प्राकृतिक खेती किसानों के लिए उत्पादन लागत कम करती है और साथ ही यह मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने, जल संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद लाभकारी है। उन्होंने इसे सतत् (सस्टेनेबल) कृषि प्रणाली के रूप में अपनाने पर ज़ोर दिया।
जिले में बनेंगे 40 क्लस्टर
बैठक में बताया गया कि चित्तौड़गढ़ जिले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 40 क्लस्टरों का चयन किया जाएगा। प्रत्येक क्लस्टर में 125 किसानों का चयन किया जाएगा और उन्हें प्राकृतिक खेती के तरीके सिखाए जाएंगे। इन किसानों को नियमित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे जैविक तरीकों का सफल उपयोग कर सकें।
हर क्लस्टर में नियुक्त होंगी “कृषि सखी”
प्रत्येक क्लस्टर में “कृषि सखी” की नियुक्ति की जाएगी। ये कृषि सखी किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकें, जैविक खाद का निर्माण, बीज उपचार, कीट नियंत्रण जैसे विषयों पर मार्गदर्शन देंगी।
योजना को मिशन मोड में लागू करने के निर्देश
जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना को मिशन मोड में लागू किया जाए और इसकी समय-समय पर मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए ताकि किसानों को बेहतर लाभ मिल सके।
बैठक में अधिकारी और सदस्य रहे मौजूद
इस बैठक में उप निदेशक कृषि दिनेश कुमार जगा, उप निदेशक उद्यान विभाग डॉ. शंकर लाल जाट, भूमि संरक्षण अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी और समिति सदस्य उपस्थित रहे।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: