राज्य कृषि समाचार (State News)

प्राकृतिक खेती के विस्तार के लिए कृषि विभाग के मैदानी अमले को किया प्रशिक्षित

19 मई 2022, इंदौर । प्राकृतिक खेती के विस्तार के लिए कृषि विभाग के मैदानी अमले को किया प्रशिक्षित –  इंदौर जिले के किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिये प्रशिक्षक तैयार किये जा रहे हैं । इसी सिलसिले में बुधवार को   किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा कृषि एवं सम्बद्ध विभागों के मैदानी अमले को प्राकृतिक कृषि का प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि विज्ञान केन्द्र कस्तुरबा ग्राम इन्दौर में आयो‍जित किया गया। इसमें 110 मैदानी अधिकारी /कर्मचारी और 15  प्रगतिशील कृषक उपस्थित थे।  

एक दिवसीय इस  प्रशिक्षण कार्यक्रम में गांधीनगर गुजरात से आए  प्राकृतिक कृषि के विशेषज्ञ तथा मास्टर ट्रेनर श्री पी.के. शर्मा ने कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, बीज प्रमाणीकरण बीज निगम तथा कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी / कर्मचारियों के साथ प्राकृतिक कृषि करने  किसानों को प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षित किसान एवं मैदानी अमला जिले के अन्य कृषकों को प्राकृतिक खेती के तौर तरीके बतायेंगे और उन्हें ज़हर मुक्त  प्राकृतिक खेती के लिये प्रोत्साहित करेंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राकृतिक कृषि के महत्व जैसे :- मिट्टी की उर्वरता का संरक्षण, खेती की लागत में कमी, सकल आय में वृद्धि, मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा, मिट्टी की नमी धारण क्षमता में वृद्धि, भूमि के कटाव में कमी, भूमि के पीएच  मान का संतुलन, पर्यावरण की सुरक्षा प्राकृतिक प्रकोप से रक्षण, विदेशी मुद्रा की बचत सहित प्राकृतिक खेती के आधार पर स्तम्भ बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र ब्रह्मस्त्र, अग्निअस्त्र, सप्तधान्य, दस पर्णी  अर्क, नीमपेस्ट आदि के उपयोग के तरीके तथा इन्हें बनाने की विधि समझाई गई।

प्रशिक्षण में संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री आलोक मीणा, संयुक्त संचालक उद्यानिकी श्री डी. आर. जाटव, कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ. आलोक देशवाल, प्राचार्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केन्द्र श्री सी.एल. केवड़ा,  उप संचालक पशुपालन सेवायें डॉ. अशोक कुमार बरेठिया,  सहायक संचालक कृषि गोपेश पाठक, श्रीमती रश्मि जैन उप परियोजना संचालक आत्मा, विजय जाट सहायक संचालक कृषि,आर.एन. करोरिया सहायक संचालक कृषि, डॉ. आर. एस. टेलर वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र एवं श्री सचिन माने विशेष रूप से उपस्थित थे।

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