नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर ने तवा उप नहरों का किया निरीक्षण
24 दिसंबर 2024, नर्मदापुरम: नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर ने तवा उप नहरों का किया निरीक्षण – नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर श्री के जी तिवारी ने बाबई, सोहागपुर, पिपरिया के विभिन्न ग्रामों से गुजरने वाली तवा नहरों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान किसानों ने तवा उप नहर की जल निकास नालियों पर कतिपय लोगों द्वारा अतिक्रमण करने की शिकायत की। शिकायत मिलने पर कमिश्नर श्री तिवारी ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह राजस्व एवं पुलिस विभाग के साथ मिलकर नहर की जल निकास नालियों पर हुए अतिक्रमण को जेसीबी से हटाएँ , नहर की साफ सफाई करें एवं नहर को पुनः गहरा करें और पहले जैसे अस्तित्व में लाएं। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त राजस्व श्री गणेश जायसवाल, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग श्री राजाराम मीना, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी सोहागपुर श्री असवन राम चिरामन, तहसीलदार श्री राकेश खजूरिया उपस्थित थे।
कृषि विज्ञान केंद्र गोविंद नगर का किया निरीक्षण – नर्मदापुरम संभाग कमिश्नर श्री तिवारी ने गोविंद नगर पहुंचकर कृषि विज्ञान केंद्र का निरीक्षण किया। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक श्री संजीव कुमार गर्ग ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र में डेमोंस्ट्रेशन टेक्नोलॉजी पर शोध किया जा रहा है। पेस्टिसाइड पर भी कार्य कर रहे हैं। नर्मदापुरम में मुख्यतः वर्ष भर में तीन फसल ली जाती है। कृषि विज्ञान केंद्र में अभी जीआर धान की वैरायटी बनाई गई है। कृषि विज्ञान केंद्र शत प्रतिशत जैविक ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बना रहे हैं। पूरे भारत में यह अपनी तरह का पहला कृषि विज्ञान केंद्र है जो जैविक एवं ऑर्गेनिक प्रोडक्ट पर जोर दे रहा है। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि साहीवाल नस्ल की गाय के दूध से शुद्ध देसी घी देसी पद्धति से तैयार किया जाता है। जिसकी मार्केट में काफी डिमांड है। कृषि विज्ञान केंद्र में बायो कंट्रोल लैब, सॉइल टेस्टिंग लैब है, साथ ही वर्मी कंपोस्ट एवं नाडेप भी बनाया जाता है। कमिश्नर ने अंड परजीवी ट्राइकोग्रामा के उत्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन किया तथा जैव कीट नियंत्रण उत्पादन इकाई का निरीक्षण किया।
बांस एवं मिट्टी बनी कलाकृतियों का किया अवलोकन – कमिश्नर ने गोविंद नगर भ्रमण के दौरान भाऊ साहब भुस्कुटे न्यास पहुंचकर वहां बनाए जा रहे बांस एवं मिट्टी की अदभुत कलाकृतियों का अवलोकन किया। न्यास के श्री धर्मेंद्र ने बताया कि बांस के बने फर्नीचर मंदिर की कलाकृति एवं अन्य घरेलू सामग्री, समान तथा मिट्टी के बर्तन, मिट्टी के दीपक, गमला गिलास ट्रे बैलगाड़ी कप एवं अन्य कलाकृतियों की काफी मांग रहती है। मांग के अनुसार प्रोडक्ट तैयार किया जाता है। कमिश्नर ने बांस एवं मिट्टी की बनी कलाकृतियां की सराहना की।
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