MP कैबिनेट का बड़ा फैसला: ‘एक बगिया मां के नाम’ योजना से 30 हजार महिलाएं बनेंगी बागवानी उद्यमी
03 जुलाई 2025, भोपाल: MP कैबिनेट का बड़ा फैसला: ‘एक बगिया मां के नाम’ योजना से 30 हजार महिलाएं बनेंगी बागवानी उद्यमी – मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को मंत्रिमंडल बैठक में प्रदेशव्यापी नई उद्यान विकास योजना ‘एक बगिया मां के नाम’ को मंजूरी दी। इस योजना में स्व-सहायता समूह की 30 हजार महिलाओं को शामिल कर 30 हजार एकड़ भूमि पर फल-उद्यान विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
महिलाओं की जमीन पर फलदार बगीचे
‘एक बगिया मां के नाम’ योजना के तहत स्व-सहायता समूहों से जुड़ी 30 हजार महिलाओं की 30 हजार एकड़ जमीन पर फलदार पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए 900 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। महिलाओं को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने, तार फेंसिंग और सिंचाई के लिए जल कुंड बनाने के लिए आर्थिक मदद मिलेगी। साथ ही, उद्यानिकी का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह योजना महिलाओं को आजीविका का एक नया माध्यम प्रदान करेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।”
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान
प्रदेश की 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर 10-10 एकड़ जमीन पर पौधे लगाने की योजना है। इसके लिए 42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कदम नदियों और पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में उठाया जा रहा है।
1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलने वाला यह अभियान सभी विभागों और जनता की भागीदारी से पौधरोपण पर केंद्रित होगा। इसका मकसद प्रदेश में हरियाली बढ़ाना है।
जिला स्तर पर नई समितियां
सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समितियों का गठन होगा। इनमें सांसद, विधायक, पंचायत और नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के अलावा चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कृषि, उद्यानिकी और डेयरी जैसे क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
मूंग और उड़द की खरीद
केंद्रीय एमएसपी पर प्रदेश में 3.51 लाख मीट्रिक टन मूंग और 1.23 लाख मीट्रिक टन उड़द उपार्जन का लक्ष्य रखा गया है। पंजीकरण में अब तक 2.94 लाख मूंग उत्पादकों और 11,495 उड़द किसानों ने भाग लिया। पंजीकरण की अंतिम तिथि 6 जुलाई है।
जल गंगा अभियान के नतीजे
जल संरक्षण के लिए चलाए गए जल गंगा अभियान में 85 हजार से ज्यादा खेत-तालाब बनाए गए और 1 लाख से अधिक कुओं का पुनर्भरण हुआ। अमृत सरोवर 2.0 के तहत 1000 से ज्यादा नए सरोवरों का निर्माण शुरू हुआ है। शहरी क्षेत्रों में भी 3,300 जल स्रोतों की सफाई, 2,200 नालों की सफाई, और 4,000 वर्षाजल संचयन संरचनाएं का काम हुआ।
5,000 से अधिक ऐतिहासिक जल स्रोतों (बावड़ी, मंदिर तालाब) की सफाई और जीर्णोद्धार में 40 लाख नागरिकों की सहभागिता। इस अभियान में अब तक 2,30,000 लोगों ने ‘जलदूतों’ का पंजीकरण किया है।
अन्य मुख्य निर्णय
- मानसून में पौधरोपण के लिए 6 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं।
- यूनियन कार्बाइड निर्माणाधीन कचरा निष्पादन पूरा होना (30 जून)।
- 4 जुलाई को मेधावी छात्रों को लैपटॉप वितरण।
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