मछली अचार उत्पादन से स्व सहायता समूह की महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
07 मार्च 2023, डिंडोरी (मध्य प्रदेश): मछली अचार उत्पादन से स्व सहायता समूह की महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर – मछली और उससे निर्मित उत्पाद अपने स्वाद और पौष्टिकता के लिए मानव के भोजन में विशेष स्थान रखते हैं। मछली उच्च गुणवत्ता के प्रोटीन एवं omega-3 फैटी एसिड्स की सस्ती एवं सुपाच्य स्रोत मानी जाती है। मछली उत्पादन एवं मछली के मूल्य वर्धित उत्पाद ग्रामीण आजीविका, स्वरोजगार एवं महिला सशक्तिकरण मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र, डिंडोरी में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, डिंडोरी के वित्तीय सहायता से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2023 के अवसर पर महिला स्व सहायता समूह सदस्यों एवं लीडर्स को “मछली अचार उत्पादन तकनीक ” विषय पर एक दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य अतिथि श्रीमती सुनीता अशोक सारस, अध्यक्षा, डिंडोरी नगर परिषद ने उद्घाटन उद्बोधन में मूल्यवर्धित मछली उत्पाद आधारित स्वरोजगार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की । नगर परिषद वार्ड 12 के पार्षद राजेश पराशर बताया कि मछली से कम लागत वाले पौष्टिक उत्पाद तैयार कर स्थानीय स्तर पर डिंडोरी जैसे सुदूर जिला में आजीविका उपलब्ध कराई जा सकती है।
श्री देवव्रत पाल, जिला विकास प्रबंधक, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, ने बताया , नाबार्ड जिले में मछली पालन एवं मूल्यवर्धित मछली उत्पाद को ग्रामीण स्वरोजगार सृजन मैं एक बेहतरीन विकल्प के रूप में देख रहा है और कृषि विज्ञान केंद्र तथा बायफ संस्था की मदद से आने वाले समय में इस तरह के कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करेगा। डां. पी एल अम्बुलकर, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख केवीके ने बताया कि केंद्र द्वारा लघु मत्स्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की गई है जिसके द्वारा स्थानीय मछुआरों को मछली से विभिन्न उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका श्रीमती मीना परते ने मछली अचार को स्वरोजगार के रूप में अपनाने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन कृषि विज्ञान केंद्र, डिंडोरी के वैज्ञानिक डॉ. सत्येंद्र कुमार के द्वारा किया गया। डॉ. कुमार ने मछलियों से बनाए जाने वाले विभिन्न उत्पादों की जानकारी दी .कार्यक्रम के सफल आयोजन में बायफ संस्था के श्री देवी सिंह रघुवंशी का विशेष योगदान रहा जिन्होंने चैनपुरा गांव की आदिवासी महिला समूह के सदस्यों को इस प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम दौरान सूश्री सुरेखा, गुणवत्ता प्रबंधक, एन आर एल एम, डिंडोरी, श्रीमती आरती सोंधिया जिला खेल अधिकारी डिंडोरी अवधेश पटेल कार्यक्रम सहायक कृषि विज्ञान केंद्र डिंडोरी की उपस्थिति सराहनीय रही।
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