बड़ा काम का होता है मोबाइल, बिहार के किसानों को मिट्टी की जांच रिपोर्ट मिल रही है अब
27 सितम्बर 2025, भोपाल: बड़ा काम का होता है मोबाइल, बिहार के किसानों को मिट्टी की जांच रिपोर्ट मिल रही है अब – बिहार सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक सराहनीय कदम उठाया है. अब मिट्टी की जांच रिपोर्ट यानी मृदा स्वास्थ्य कार्ड सीधे किसानों के मोबाइल पर भेजी जा रही है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान अपनी जमीन की सेहत को जानकर वैज्ञानिक तरीके से उर्वरकों का संतुलन बना सकते हैं, जिससे खेती में लागत घटेगी और पैदावार बढ़ेगी. इस योजना से न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी बल्कि रासायनिक खादों के अंधाधुंध इस्तेमाल को भी रोका जा सकेगा.
सरकार ने मिट्टी जांच को कृषि विकास का आधार मानते हुए इसे अभियान की तरह शुरू किया है. बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि मिट्टी की जाँच से किसानों को यह पता चलता है कि उनके खेत में किस पोषक तत्व की कमी है और कौन-सा उर्वरक कब और कितनी मात्रा में देना चाहिए. इससे खेतों की उर्वरक क्षमता में सुधार होगा और किसान अनावश्यक रसायनों का प्रयोग नहीं करेंगे. यह न सिर्फ खेती की लागत कम करेगा, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगा. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 3 लाख मिट्टी नमूने इकट्ठा करने का लक्ष्य तय किया है. अब तक 2.41 लाख नमूने प्रयोगशालाओं में पहुंच चुके हैं और 1.20 लाख नमूनों का विश्लेषण भी पूरा हो चुका है. इन नमूनों की जांच के आधार पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) प्रदान किए जा रहे हैं. यह कार्ड किसानों को यह जानकारी देता है कि उनकी जमीन किस पोषक तत्व में कमजोर है और उसमें क्या सुधार की जरूरत है. ऑनलाइन मिलने वाले मृदा स्वास्थ्य कार्ड में किसानों को लगभग 106 फसलों के लिए वैज्ञानिक अनुशंसा मिल रही है. यानी अगर कोई किसान धान, गेहूं, मक्का, सब्जी या फल की खेती करना चाहता है, तो वह कार्ड में दी गई सलाह के अनुसार उर्वरक और पोषण प्रबंधन कर सकता है. इससे किसान सही फसल का चयन कर पाएंगे और संतुलित खेती से ज्यादा लाभ ले सकेंगे.
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