नीमच की औषधीय फसलों को जोड़ा जा रहा है पतंजलि योगपीठ से
30 अक्टूबर 2024, नीमच: नीमच की औषधीय फसलों को जोड़ा जा रहा है पतंजलि योगपीठ से – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश के लिए प्रदेश में अभियान चलाया जा रहा है। नीमच, एशिया में औषधीय फसलों की सबसे बडी मंडी है। यहाँ की औषधीय फसलों को योग गुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नीमच में वीरेंद्र कुमार सखलेचा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही । मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धनवंतरी जयंती धनतेरस पर नीमच सहित तीन नये मेडिकल कॉलेज की सौगात दी जा रही है। सनातन संस्कृति में चिकित्सक को भगवान के रूप में देखा जाता है। चिकित्सा के छात्र मानवता की सेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उन्होंने कहा कि नीमच में महामाया माँ भादवा माता का आर्शीवाद रहा है। यहां भादवा माता के पानी से ही रोग ठीक हो जाते है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धनवंतरी जयंती के अवसर पर नीमच के वीरेंद्र कुमार सखलेचा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में नवप्रवेशी चिकित्सा छात्र-छात्राओं और मेडिकल कॉलेज के स्टाफ से संवाद किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं राज्य सरकार निरंतर देश एवं प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने एवं चिकित्सा सेवाओं की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर मानवता की सेवा का अवसर मिल रहा है। चिकित्सक सनातन संस्कृति में भगवान के रूप में देखे जाते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा पीड़ित मानवता की सेवा कर दीन दुखियों और रोगियों को रोगों से मुक्ति दिलाते है। इसलिए चिकित्सक को सनातन संस्कृति में सर्वोच्च सम्मानित माना जाता है। चिकित्सक ईश्वर के रूप में देखे जाते है। मुख्यमंत्री ने सभी चिकित्सा छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अच्छे चिकित्सक बनकर यहां से निकले और देश-प्रदेश एवं दुनिया में नाम रोशन करें।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: