बिहार के मखाने, वाह क्या स्वाद है, खूब करों उत्पादन सरकार साथ है
22 फ़रवरी 2025, भोपाल: बिहार के मखाने, वाह क्या स्वाद है, खूब करों उत्पादन सरकार साथ है – बिहार में उत्पादित होने वाले मखाने का स्वाद ही कुछ अलग होता है और यही कारण है कि यहां के मखानों की मांग देश विदेश में बनी रहती है. राज्य की सरकार भी मखाना उत्पादित करने वाले किसानों के साथ है ताकि मखाने का उत्पादन तो अच्छा हो ही सके वहीं किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी सरकार योजनाओं का संचालन कर रही है.
बता दें कि भारत भर में सबसे ज्यादा मखाना उत्पादन बिहार के पूर्णिया जिला में होता है, जिससे किसानों की खुशहाली अब वापस लौट रही और मखाना किसानों के चेहरे पर अब खुशी देखने को मिलता है. किसानों का मखाना खराब ना हो और समय आने पर आसानी से ऊंची कीमतों पर बिक सके जिससे किसानों की आय बढे और किसान समृद्ध हो इसके लिए सरकार लगातार प्रयास करती हैं.वही बिहार सरकार ने मखाना की खेती करने वाले मखाना किसानों के लिए मखाना भंडार गृह बनाने पर कुल लागत का 75℅ अनुदान देती है. कोई भी मखाना किसान आसानी से इसका लाभ ले सकते है. पूर्णिया के जिला उद्यान पदाधिकारी राहुल कुमार ने लोकल 18 से कहा मखाना भंडार गृह बनाने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत यानी मखाना विकास योजना के तहत मखाना भंडार गृह बनाने पर सरकार अनुदान देती हैं. वही उन्होंने कहा की मखाना भंडार गृह बनाने में प्राकल्लित राशि कुल लागत 10 लाख रुपए का है. वहीं अगर कोई मखाना किसान इसको बनाते है तो बिहार सरकार उन्हें 75% यानी 7:5 लाख रुपया अनुदान देगी.उन्होंने कहा मखाना किसान भाइयों को ही इसका लाभ दिया जायेगा. इसके लिए किसान भाइयों को सबसे पहले डीबीटी पोर्टल पर अपना निबंधन कराना होगा पुनः संबंधित वेबसाइट या संबंधित उद्दान कार्यालय खुशकीबाग पहुंचकर मखाना भंडार गृह बनाने को लेकर पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है. मखाना भंडार गृह बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके बाद संबंधित विभाग आपके आवेदन की स्वीकृति कर उसका स्थल निरीक्षण करेगा और संबंधित कागजी प्रक्रिया को पूरी करने के बाद आपको मखाना भंडार गृह बनाने के लिए 7:30 लाख अनुदान का लाभ मिलेगा.
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: