राज्य कृषि समाचार (State News)

प्राकृतिक संसाधनों का करें सुव्यवस्थित उपयोग – डॉ. चौधरी

24 अप्रैल 2024, जबलपुर: प्राकृतिक संसाधनों का करें सुव्यवस्थित उपयोग – डॉ. चौधरी – जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर में कृषि अनुसंधान भवन नई दिल्ली, डीडीजी, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट (एनआरएम) डॉ. एस. के. चौधरी एवं आईआईएफएसआर,मेरठ डॉ.सुनील तिवारी का आगमन हुआ। इस दौरान डीडीजी डॉ. चौधरी एवं डॉ. तिवारी द्वारा माइक्रोब रिसर्च एण्ड प्रोडक्शन सेंटर, आईएफएस यूनिट, डेयरी, मेडिशनल गार्डन एवं बीज संग्राहालय का निरीक्षण किया गया और यहां के वैज्ञानिकों को उचित दिशा-निर्देश दिये गये। गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय,जबलपुर के कुलगुरू डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में सतत् रूप से शोध कार्य एवं शैक्षणिक कार्य संपादित किये जा रहे हैं।

निरीक्षण उपरांत डॉ. चौधरी ने माइक्रोब रिसर्च एण्ड प्रोडक्शन सेंटर के द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न प्रकार के जैव उर्वरकों की सराहना की और कहा कि केन्द्र में आधुनिक मशीनें हैं जिससे यहां पर जैव उर्वरक पर्याप्त मात्रा और उत्तम क्वालिटी के फसलों एवं पोषक तत्वों के अनुरूप तैयार किये जा सकते हैं। जो प्रदेश ही नही पूरे देश के लिये हितकारी कदम हेगा। आपने निरीक्षण के दौरान मेडिशनल गार्डन में औषधीय पौधों की विभिन्न किस्मों के बारे में जानकारी प्राप्त की और उनसे विभिन्न बीमारियांे में सहायक पत्तियों एवं बनने वाले पाउडर को लेकर भी गंभीरता से चर्चा की। आपने आईएफएस यूनिट और डेयरी में पहुंचकर वहां की गतिविधियों के बारे में जाना और किसानों के मध्य इसे प्रचलित करने का आवहन किया। साथ ही गोबर की खाद एवं केंचुआ खाद के संबंध में वैज्ञानिकों से फसलों में अधिक उपयोग हेतु चर्चा की।

Advertisement
Advertisement

इसके अलावा बीज संग्राहालय में भी कृषि अनुसंधान भवन नई दिल्ली के डीडीजी, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट (एनआरएम) डॉ. एस.के.चौधरी एवं आईआईएफएसआर,मेरठ डॉ. सुनील तिवारी ने पहुंचकर वहां पर संरक्षित विभिन्न किस्मों के बीजों को देखा । दरअसल जनेकृविवि के बीज संग्राहालय में परम्परागत बीज भण्डारण में क्रमागत विकास, मध्यप्रदेश में चारा अनुसंधान एवं विकास,  के धान, लघुधान्य के बीजों का अनूठा संग्रह एक ही स्थान पर उपलब्ध है। निरीक्षण के दौरान विभिन्न इकाईयों के प्रमुखों द्वारा कृषि अनुसंधान भवन, नई दिल्ली के डीडीजी, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट (एनआरएम) डॉ. एस.के.चौधरी एवं आईआईएफएसआर,मेरठ डॉ.सुनील तिवारी को

इस अवसर पर संचालक अनुसंधान सेवायें डॉ. जी.के. कौतु, संचालक प्रक्षेत्र डॉ. आर.एस.शुक्ला, डॉ. पी.एस.कुल्हाड़े, डॉ. आर. के. समैया, डॉ.प्रवीण कुमार मिश्रा, डॉ. जे.पी.लखानी, डॉ. ब्रजेश दीक्षित, बायोफर्टिलाईजर सेंटर के प्रमुख डॉ. वाय.एम.शर्मा,, डॉ. ज्ञानेन्द्र तिवारी, डॉ.एच.के. राय. डॉ. अनुभा उपाध्याय, डॉ. एम. के. अवस्थी, डॉ. विभा पांडे,डॉ. सुब्रता शर्मा, डॉ. एस.बी.अग्रवाल, डॉ. नमृता जैन, डॉ. अनय रावत, सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. बी.एस.द्विवेदी, डॉ. जी.एस.टैगोर, डॉ. अमित झा, डॉ. शिवरामकृष्णन, डॉ. आशीष गुप्ता, डॉ. आर.पी.साहू, डॉ. विकास गुप्ता, डॉ. राकेश साहू, डॉ. फूलचंद्र अमूले, डॉ.  अभिषेक शर्मा सहित अन्य वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

Advertisement8
Advertisement

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

Advertisement8
Advertisement

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

Advertisements
Advertisement5
Advertisement