राज्य कृषि समाचार (State News)

चंबल नहर प्रणाली से मिलेगा मध्यप्रदेश के हिस्से का पूरा पानी

21 नवंबर 2024, भोपाल: चंबल नहर प्रणाली से मिलेगा मध्यप्रदेश के हिस्से का पूरा पानी – चंबल नहर प्रणाली से मध्यप्रदेश के हिस्से का पूरा पानी प्राप्त करने के लिये प्रदेश के जल संसाधन एवं ग्वालियर जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट लगातार प्रयासरत हैं। इस सिलसिले में उन्होंने राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत से टेलीफोन पर चर्चा की। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री श्री रावत ने मध्यप्रदेश के हिस्से का पूरा पानी उपलब्ध कराने के लिए श्री सिलावट को आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा है कि चंबल नहर प्रणाली से पार्वती एक्वाडक्ट पर जल्द ही मध्यप्रदेश के हिस्से का पानी उपलब्ध कराया जायेगा। ज्ञात हो चंबल नहर प्रणाली से चंबल संभाग के श्योपुर, मुरैना व भिण्ड जिले की सिंचाई के लिये पानी मिलता है।

ग्वालियर जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि चंबल नहर प्रणाली से श्योपुर, मुरैना व भिण्ड जिले के अंतर्गत 3 लाख 62 हजार 100 हैक्टेयर में सिंचाई होती है। उन्होंने बताया बीते दिनों मध्यप्रदेश – राजस्थान अंतर्राज्यीय नियंत्रण मण्डल कोटा की 29वी तकनीकी समिति की बैठक में चंबल मुख्य नहर से मध्यप्रदेश की मांग के अनुसार पार्वती एक्वाडक्ट पर 3900 क्यूसेक पानी निरंतर उपलब्ध कराने का निर्णय हुआ था, लेकिन मात्र 1800 से लेकर 2100 क्यूसेक पानी ही मध्यप्रदेश को दिया जा रहा है। जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री से चर्चा की है।

जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने बताया कि राजस्थान के जल संसाधन मंत्री ने जल्द से जल्द मध्यप्रदेश के हिस्से का पूरा पानी उपलब्ध कराने का को आश्वास्त किया है। श्री सिलावट ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार अपने हिस्से का पूरा पानी प्राप्त करने के लिये कटिबद्ध है और इसके लिये लगातार राजस्थान सरकार के संपर्क में है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements