मध्यप्रदेश: नेट हाउस से बढ़ी निलेश की आमदनी, पारंपरिक खेती से हटकर की नए मॉडल की शुरुआत
11 नवंबर 2024, भोपाल: मध्यप्रदेश: नेट हाउस से बढ़ी निलेश की आमदनी, पारंपरिक खेती से हटकर की नए मॉडल की शुरुआत – झाबुआ जिले के मांडन गांव के किसान निलेश पाटीदार ने पारंपरिक खेती के दायरे से बाहर निकलते हुए अपनी कृषि योग्य भूमि पर उद्यानिकी खेती अपनाई और संरक्षित खेती से शानदार मुनाफा कमाने का नया उदाहरण पेश किया है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत निलेश ने नेट हाउस तकनीक का उपयोग कर खीरा, ककड़ी और अमरूद जैसी फसलों की खेती से बेहतर आमदनी अर्जित की। निलेश का यह कदम न केवल उनके परिवार की माली हालत सुधारने में सहायक रहा, बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है।
नेट हाउस से शुरुआत: संरक्षित खेती का पहला कदम
उद्यानिकी विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी की सलाह पर निलेश ने एक एकड़ भूमि में नेट हाउस का निर्माण कर देशी खीरा और ककड़ी की खेती शुरू की। अच्छी पैदावार और बाजार में अच्छी कीमत मिलने से उत्साहित होकर उन्होंने नेट हाउस की संख्या बढ़ाकर चार कर दी। इस वर्ष नेट हाउस में उन्होंने लगभग 1050 क्विंटल खीरा और ककड़ी का उत्पादन किया, जिसे उन्होंने जयपुर और दिल्ली में 2700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा। इस फसल से निलेश ने लगभग 21 लाख 35 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया।
अमरूद की खेती में मिली सफलता
खीरा और ककड़ी के बाद निलेश ने 4 एकड़ भूमि में अमरूद की खेती की, जिसमें उन्होंने 4000 पौधे लगाए। इस प्रयास से उन्हें 700 क्विंटल अमरूद का उत्पादन मिला, जिसे दिल्ली में 4000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेचा गया। अमरूद की फसल से उन्हें कुल 16 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। फसल की तैयारी के दौरान उन्होंने पौधों को सहारा देने के लिए लोहे के एंगल और तार के स्ट्रक्चर पर करीब 12 लाख रुपये का निवेश किया।
नई संभावनाओं के साथ बढ़ता मुनाफा
नेट हाउस और अमरूद की फसल से मिली कुल 37 लाख रुपये की आय से निलेश ने एक जेसीबी गाड़ी खरीदी, जिससे अब वे अतिरिक्त आमदनी भी कमा रहे हैं। उनके इस प्रगतिशील कदम से परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई और कृषि व्यवसाय में विविधता आई है।
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