राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश: अमानक बीज बेचने पर 7 विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित, कलेक्टर ने दी सख्त चेतावनी

30 अगस्त 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश: अमानक बीज बेचने पर 7 विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित, कलेक्टर ने दी सख्त चेतावनी – मध्यप्रदेश के कटनी जिले में कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देशों के पालन में किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रयोगशाला में खाद-बीज के नमूनों की जांच करवाई जा रही है और अमानक खाद-बीज बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। कलेक्टर के आदेश के तहत जिले में सात बीज विक्रेताओं के बीज विक्रय लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। इसमें विकासखंड कटनी के चार, बड़वारा के दो और विजयराघवगढ़ के एक बीज विक्रेता शामिल हैं।

निलंबित बीज विक्रेताओं के नाम

यह कार्रवाई दुकान से लिए गए धान के बीजों के नमूनों की प्रयोगशाला जांच में अमानक पाए जाने के बाद बीज गुण नियंत्रण आदेश 1983 की धारा 15 के तहत की गई है।

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विकासखंड कटनी: मेसर्स सुहाने बीज भंडार (प्रो. श्याम सुहाने), मेसर्स मौर्या सीड्स कंपनी (प्रो. विजय बहादुर मौर्या), मेसर्स पटेल बीज भंडार (प्रो. कालीचरण पटेल), मेसर्स चौहान बीज भंडार (प्रो. श्रवण कुमार चौहान)

विकासखंड बड़वारा: मेसर्स आरपी कृषि केंद्र (प्रो. पूनम पटेल), मेसर्स न्यू गुरूकृपा बीज भंडार (प्रो. सतेन्द्र कुमार सिंह)

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विकासखंड विजयराघवगढ़: मेसर्स जनक नंदनी कृषि सेवा केंद्र (प्रो. सुधांशु दुबे)

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कलेक्टर के निर्देशों के तहत सख्त कार्रवाई

कलेक्टर के निर्देश पर उपसंचालक किसान कल्याण और कृषि विकास, तथा उर्वरक पंजीयन अधिकारी डॉ. आर एन पटेल ने जानकारी दी कि विकासखंड कटनी के मेसर्स सुहाने बीज भंडार को 13 जनवरी 2025 को बीज विक्रय लाइसेंस प्रदान किया गया था, जो 12 जनवरी 2030 तक वैध था। इसी तरह अन्य विक्रेताओं को भी समय सीमा के अनुसार लाइसेंस जारी किए गए थे।

इन सभी विक्रेताओं के बीज विक्रय लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गए हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज और खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, और ऐसे विक्रेताओं को कड़ी सजा देना है जो किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।

घटिया खाद- बीज बेचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा- कलेक्टर

कलेक्टर ने उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, मिस ब्रांडिंग, और गुणवत्ताहीन उर्वरक की बिक्री करने वाले विक्रेताओं और अवैध परिवहनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं। इन सभी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए हैं।

कलेक्टर ने इस कार्य की निगरानी का जिम्मा संबंधित एसडीएम और कृषि विभाग के अधिकारियों को सौंपा है। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी हालत में किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा न जाए और सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

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