राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद बैठक: गेहूं उपार्जन से लेकर नदी जोड़ो योजना तक हुई चर्चा

14 मई 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश मंत्रिपरिषद बैठक: गेहूं उपार्जन से लेकर नदी जोड़ो योजना तक हुई चर्चा –  मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक की शुरुआत में हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ संचालित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने कम समय में तकनीक के उपयोग से भारत की नेतृत्व क्षमता को विश्व के सामने प्रदर्शित किया है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने गेहूं उपार्जन, नदी जोड़ो अभियान, सांस्कृतिक-धार्मिक गतिविधियों, निवेश संवर्धन और विजन डॉक्यूमेंट@2047 जैसे विषयों पर मंत्रियों को जानकारी दी।

गेहूं उपार्जन की स्थिति

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 5 मई तक 3475 केंद्रों पर गेहूं उपार्जन किया गया, जिसमें 9 लाख किसानों की फसल शामिल है। कुल 77.74 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जित किया गया, जिसमें से 74.42 लाख मीट्रिक टन भंडारण में लिया जा चुका है। किसानों को अब तक 18,471 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है, जबकि 400 करोड़ रुपये का भुगतान शेष है, जिसे जल्द पूरा करने की बात कही गई।

नदी जोड़ो अभियान और तापी बेसिन मेगा रिचार्ज योजना

मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के साथ 10 मई को तापी बेसिन मेगा रिचार्ज योजना के लिए हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) की जानकारी दी। यह मध्यप्रदेश सरकार का नदी जोड़ो अभियान के तहत तीसरा एमओयू है। इस परियोजना से बुरहानपुर और खंडवा जिलों में भूजल स्तर में सुधार होने की उम्मीद है। परियोजना के तहत मध्यप्रदेश को 1.23 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र को 2.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। इसे राष्ट्रीय स्तर की अंतर्राज्यीय योजना के रूप में स्वीकृति के लिए भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। परियोजना की लागत का 95% हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि मध्यप्रदेश को केवल 5% राशि देनी होगी।

सांस्कृतिक और धार्मिक सहयोग

मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बीच साझा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने पर भी चर्चा हुई। दोनों राज्यों ने बाजीराव पेशवा, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई और अप्पाजी भोंसले जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के इतिहास लेखन, दस्तावेज संकलन और डिजिटलीकरण के लिए सहमति जताई। साथ ही, मोढ़ी लिपि के संरक्षण और लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के धार्मिक-प्रशासनिक योगदान को सहेजने पर भी जोर दिया गया।

इसके अलावा, मध्यप्रदेश के उज्जैन और ओंकारेश्वर के ज्योतिर्लिंगों के साथ महाराष्ट्र के तीन ज्योतिर्लिंगों को जोड़कर एक सर्किट विकसित करने की योजना पर सहमति बनी। शेगांव के गजानन ट्रस्ट की स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्रणाली को महाकाल मंदिर प्रबंधन के लिए अपनाने पर भी विचार हुआ।

निवेश और औद्योगिक गतिविधियां

मुख्यमंत्री ने बताया कि 16 मई को इंदौर में ‘रीजनल ग्रोथ कॉन्क्लेव मैन मेड टेक्निकल टेक्सटाइल एक्सपो’ का आयोजन होगा। वहीं, 14 मई को बेंगलुरु में निवेश संवर्धन के लिए एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा, 20 मई को इंदौर में मंत्रिपरिषद की अगली बैठक और विजन डॉक्यूमेंट@2047 पर चर्चा होगी।

बैठक में इन विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ, और विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए रणनीति तैयार करने पर जोर दिया गया।

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